
आम्रपाली केस में सुप्रीम कोर्ट के सामने 6056 होम बॉयर्स की लिस्ट पेश की गई है. होम बॉयर्स के वकील एमएल लाहोटी ने बताया कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा की 6 अलग-अलग परियोजनाओं के 6056 होम बॉयर्स की लिस्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपी गई है. नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को इन होम बॉयर्स के नाम पर उनके फ्लैट की रजिस्ट्री करनी है. रजिस्ट्री का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने 26 अगस्त को दिया था.
अभी हाल में नोएडा और ग्रेटर नोएडा के अधिकारियों ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उन्होंने आम्रपाली फ्लैट के खरीदारों की समस्याओं से निपटने के लिए एक विशेष सेल बनाया है. अधिकारियों ने जस्टिस अरुण मिश्रा की अगुवाई वाली पीठ को बताया कि उन्होंने खरीदारों के मामलों से निपटने के लिए सेल बनाया है और अधिकारियों को विशेष रूप से इस मुद्दे को देखने के लिए नियुक्त किया गया है.
इसके बाद, कोर्ट ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा के अधिकारियों को आम्रपाली के फ्लैट खरीदने वाले ग्राहकों के पक्ष में फ्लैटों का पंजीकरण शुरू करने का निर्देश दिया. कोर्ट ने यह भी चेतावनी दी कि अगर खरीदारों को फ्लैटों का कब्जा सौंपने में उनकी ओर से कोई देरी हुई तो नोएडा और ग्रेटर नोएडा के अधिकारियों को जेल भेजा जाएगा.
23 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने रियल एस्टेट कंपनी आम्रपाली ग्रुप के रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी के लाइसेंस को रद्द कर दिया और सभी लंबित परियोजनाओं को पूरा करने के लिए राज्य की ओर से चलाए जा रहे नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉर्प लिमिटेड (एनबीसीसी) को नियुक्त किया.