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टल सकता था अमृतसर हादसा, काश! इन चार में कोई भी होता अलर्ट

पंजाब के अमृतसर में बड़ा रेल हादसा हो गया है. इस हादसे में 60 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है. हादसे के लिए चश्मदीद प्रशासन को जिम्मेदार बता रहे हैं.

अमृतसर रेल हादसा ( GOOGLE MAP) अमृतसर रेल हादसा ( GOOGLE MAP)
देवांग दुबे गौतम
  • नई दिल्ली,
  • 19 अक्टूबर 2018,
  • अपडेटेड 6:22 AM IST

पंजाब के अमृतसर में बेहद भीषण और दर्दनाक रेल हादसा हुआ है, जिसमें 60 से ज्यादा लोगों की मौत होने की आशंका है. हादसा जोड़ा फाटक के नजदीक उस समय हुआ, जब ट्रैक के करीब मैदान पर रावण का पुतला जलाया जा रहा था और उसे देखने के लिए ट्रैक पर जमा भीड़ ट्रेन की शिकार बन गई.

हादसे की जांच के आदेश दिए गए हैं. हालांकि घटना की जो पहली जानकारी सामने आ रही हैं, उनके मुताबिक इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के लिए कई मोर्चों पर लापरवाही बरती गई.

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जिला प्रशासनः जोड़ा फाटक के पास रावण दहन का कार्यक्रम पूर्व निर्धारित था. बाकायदा इसके लिए प्रशासन से परमीशन भी ली गई होगी. प्रशासन को रेलवे ट्रैक के पास ऐसे आयोजन की इजाजत नहीं देनी चाहिए थी, जहां इतनी भीड़ जुटती है और हादसे की आशंका रहती है.

पुलिस प्रशासनः रेलवे ट्रैक के पास रावण दहन किया जा रहा था, लेकिन पुलिस ने ऐसे कोई इंतजाम नहीं किया कि इस दहन में शामिल होने आए लोग किसी भी सूरत में रेलवे ट्रैक से दूर रहें. अगर ऐसा किया जाता तो ट्रैक से गुजरने वाली ट्रेनों का शिकार आम लोग नहीं होते.

रेलवे प्रशासनः बीजेपी नेता और पंजाब सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर ने कहा है कि रेलवे को हर साल कहा जाता है कि वो इस इलाके में रावण दहन होने पर ट्रेनों की रफ्तार थोड़ी कम कर दे. अगर रेलवे ने ये मांग मान ली होती तो इतनी ज्यादा संख्या में लोग ट्रेन के नीचे नहीं आते.

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रावण दहन में पहुंचे लोगः अमृतसर में हुए इस रेल हादसे में मासूम लोग मारे गए. लेकिन घटना के जो वीडियो वायरल हो रहे हैं उसमें साफ दिखाई दे रहा है कि हर कोई वहां रावण दहन का वीडियो बनाने में लगा हुआ था. किसी ने भी अपनी ओर आती मौत पर ध्यान नहीं दिया. न ही ट्रैक पर न खड़े होने की समझदारी दिखाई.

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