Advertisement

महिला ने किया जयललिता की बेटी होने का दावा, SC का सुनवाई से इनकार

सु्प्रीम कोर्ट में दाखिल एक याचिका में मंजुला ने एक डीएनए टेस्ट कराने की मांग भी की है ताकि इस बात की पुष्टि हो सके. साथ ही उसमें कहा गया कि जयललिता का शव उन्हें सौंपा जाए ताकि वैष्णव ब्राह्मण परिवार जन्मीं पूर्व सीएम का दाह संस्कार किया जा सके.

37 वर्षीय अमृता मंजुला का दावा 37 वर्षीय अमृता मंजुला का दावा
प्रमोद माधव
  • चेन्नई,
  • 27 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 1:02 PM IST

तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता की मौत पर उठे सवाल अभी खत्म नहीं हुए हैं इस बीच एक महिला ने उनकी बेटी होने का दावा पेश किया है. बंगलुरु की रहने वाली 37 वर्षीय अमृता मंजुला ने खुद को जयललिता की बेटी होने का दावा किया है. साथ ही उसने हिन्दू रीति-रिवाजों के मुताबिक पूर्व सीएम का दाह संस्कार करने की मांग भी की है. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को इस मामले में दायर याचिका को खारिज कर दिया.

Advertisement

अमृता के मुताबिक उनको जयललिता की बड़ी बहन शैलजा और उनके पति सारथी ने पाला है. साथ ही जयललिता की मौत से पहले दंपति ने अमृता को उनके असल माता-पिता के बारे में नहीं बताया था. शैलजा की मौत साल 2015 में ही हो गई थी. शैलजा ने कहा कि अविवाहित जयललिता की निजता का सम्मान और उनके राजनीतिक भविष्य को ध्यान में रखते हुए यह राज नहीं खोला गया.

सु्प्रीम कोर्ट में दाखिल एक याचिका में मंजुला ने एक डीएनए टेस्ट कराने की मांग भी की है ताकि इस बात की पुष्टि हो सके. साथ ही उसमें कहा गया कि जयललिता का शव उन्हें सौंपा जाए क्योंकि वो एक वैष्णव ब्राह्मण परिवार जन्मीं थी और उनका दाह संस्कार किया जाना चाहिए. अमृता के मुताबिक उसका जन्म 14 अगस्त 1980 को मायलापोर स्थित जयललिता के आवास में हुआ था. जयललिता की आंटी और शैलजा ने प्रण लिया था कि वह राज किसी के सामने नहीं खोलेंगी.

Advertisement

इससे पहले अमृता राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस और सीबीआई को लिखे पत्र में भी यह दावा कर चुकी है. अमृता के साथ उसकी दो रिश्तेदारों ने भी याचिका दायर की थी. उन्होंने इस मामले में अदालत से दख़ल देने की मांग की है. अमृता के इस दावे ने सभी को चौंका दिया है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement