
लिंगायत को अल्पसंख्यक का दर्जा दिए जाने से उठे बवाल पर संसदीय कार्य मंत्री और बेंगलुरु से सांसद अनंत कुमार का कहना है कि 2013 में जब ऐसा ही प्रस्ताव मनमोहन सिंह सरकार के सामने आया था तब कांग्रेस सरकार ने स्पष्ट तौर पर लिंगायत को हिंदू धर्म का अभिन्न अंग बताया था.
अब उसी कांग्रेस पार्टी के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, जातियों में विद्वेष पैदा करने और फूट डालने की राजनीति कर रहे हैं. कांग्रेस और सिद्धारमैया ने रोबोट क्लाइव जिसमें ईस्ट इंडिया कंपनी को लाने के लिए 'फूट डालो राज करो' की नीति अपनाई हुई है, इसलिए वो ऐसे निर्णय करके राजनीति कर रहे हैं. हम इसको फूट डालने की राजनीति नहीं करने देंगे. जाति-जाति में विद्वेष लगाने की राजनीति का हम पुरजोर विरोध करते हैं और घोर निंदा करते हैं.
अविश्वास प्रस्ताव कर अनंत कुमार का कहना है कि जो भी चर्चा करना चाहते हैं, हम तैयार हैं. हमारे देश के गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने खड़े होकर पूरे सदन को कहा था कि हम चर्चा के लिए तैयार हैं और सब से कहा था कि सब अपनी सीट पर बैठकर सदन को ऑर्डर में लेकर आएं. आज भी हम कहना चाहते हैं कि हम अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं.
अनंत कुमार ने कहा कि 2 हफ्ते से कांग्रेस ने सदन में गतिरोध पैदा किया हुआ है. दोनों सदनों में कांग्रेस ने अड़चन पैदा की है. हम हर विषय पर चर्चा के लिए तैयार हैं. मैं सभी पार्टियों से आग्रह करता हूं कि वह सदन को चलने दें. अविश्वास प्रस्ताव पर हम चर्चा करने के लिए तैयार हैं.