
जगन सरकार पर लगा है धर्मांतरण जैसे आरोप
ईसाई पादरियों को हर महीने 5 हजार रुपये देने और कथित धर्मांतरण जैसे गंभीर आरोपों से घिरी आंध्र प्रदेश की जगनमोहन रेड्डी सरकार ने सफाई दी है. आंध्र प्रदेश सरकार ने इन आरोपों पर कहा कि 20 अगस्त 2019 के सर्कुलर के मुताबिक, हिंदू मंदिरों और उनके पुजारियों को हर महीने 10 से 35 हजार रुपये दिए जा रहे हैं. साथ ही उनके रिटायरमेंट पर घर भी दिया जाएगा. सरकार ने कहा कि मंदिर में धूप-दीप और पुजारियों को मेहनताना के लिए 10 से 35 हजार रुपये दिए जा रहे हैं. अगर मंदिरों से जमीन ली गई है तो उस पर पुजारियों के लिए घर बनाए जाएंगे.
दरअसल, यह एक महीने में तीसरी बार है, जब बीजेपी ने मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी पर निशाना साधा है. ईसाई पादरियों को हर महीने 5 हजार रुपये देने को लेकर बीजेपी ने आंध्र सरकार पर हमला बोला है. बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव सुनील देवधर ने ट्वीट कर लिखा, 'यह बेहद निंदनीय है कि सरकार एक धर्म का पक्ष ले रही है और दूसरे को नीचा दिखा रही है.
खासकर जब ईसाई पादरी दूसरे धर्मों के गरीब लोगों का मजाक उड़ाते हैं. ईसाई पादरियों को मासिक मेहनताना देना आग में घी का काम करेगा. जगनमोहन रेड्डी आपका असली एजेंडा क्या है.' बीजेपी की आंध्र प्रदेश ईकाई ने भी एक धर्म की मदद के लिए राज्य का 'खजाना' इस्तेमाल करने का आरोप लगाया. ये ट्वीट कुछ धड़ों के बीच वायरल हो गए हैं.
अल्पसंख्यक विकास विभाग की सचिव पी ऊषा रानी ने 27 अगस्त को सभी जिलों के जिलाधिकारियों को मेमो जारी कर ईसाई पादरियों को मासिक 5 हजार रुपये देने का आदेश दिया था. जगनमोहन रेड्डी सरकार ने चुनावी मेनिफेस्टो में यह वादा किया था. इस सर्कुलर का विभिन्न सामाजिक धड़ों ने विरोध किया था. तिरुमाला में आरटीसी बसों के टिकटों पर यरुशलम पर्यटन के विज्ञापन को लेकर भी जमकर बवाल मचा था.