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तमिलनाडु में NEET के खिलाफ भड़की आग, अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे 14 छात्र

तमिलनाडु की अरियालुर की दलित छात्रा अनीता ने नीट के खिलाफ लड़ाई शुरू की थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट में अनीता को कामयाबी नहीं मिली और शुक्रवार को उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. अनीता के सुसाइड करने के एक दिन बाद तमिलनाडु में जोरदार प्रदर्शन उठ खड़ा हुआ है.

चेन्नई में विरोध प्रदर्शन करते लोग चेन्नई में विरोध प्रदर्शन करते लोग
नंदलाल शर्मा
  • चेन्नई ,
  • 02 सितंबर 2017,
  • अपडेटेड 1:46 PM IST

होनहार दलित छात्रा अनीता की मौत के बाद तमिलनाडु में नीट के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की आग एक बार फिर भड़क उठी है. नीट को हटाने की मांग को लेकर त्रिची के 14 छात्रों ने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल का ऐलान किया है. तमिल राष्ट्रवादी संगठन नाम तालीमार काट्ची, स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया जैसे संगठन नीट के खिलाफ चेन्नई और त्रिची की सड़कों पर उतर आए हैं. नेताओं और मंत्रियों के साथ नीट के पुतले जलाए जा रहे हैं. दक्षिण भारतीय फिल्मों के सुपरस्टार कमल हासन और रजनीकांत ने भी अनीता की मौत पर दुख जताया है. मुख्यमंत्री पलानीसामी और पन्नीरसेल्वम के खिलाफ लोगों में आक्रोश देखा जा रहा है.

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तमिल राष्ट्रवादी संगठन नाम तामीलार काटची ने एंट्रेस टेस्ट खत्म करने की मांग करते हुए चेन्नई में जोरदार प्रदर्शन किया. बता दें कि तमिलनाडु की अरियालुर की दलित छात्रा अनीता ने नीट के खिलाफ लड़ाई शुरू की थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट में अनीता को कामयाबी नहीं मिली और शुक्रवार को उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. अनीता के सुसाइड करने के एक दिन बाद तमिलनाडु में जोरदार प्रदर्शन उठ खड़ा हुआ है.

सिर्फ NEET को क्राइटेरिया बना देना गलत

चेन्नई के माउंट रोड पर एसएफआई के प्रदर्शनकारियों रोड जाम कर दिया है. साथ ही अन्नासलाई को जाने वाला रास्ता भी बंद कर दिया है. प्रदर्शनकारियों ने पुतले जलाए हैं और मुख्यमंत्री के खिलाफ नारेबाजी की है. प्रदर्शन कर रहे तमिल संगठन नाम तामीलार काटची का कहना है कि मेडिकल एडमिशन के लिए नीट को ही एकमात्र क्राइटेरिया (पैमाना) बना देना गलत है. छात्रों को छूट मिलनी चाहिए ताकि स्टेट बोर्ड के छात्रों को भी बेहतर मौके मिल सके.

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इस बीच अनीता के पिता ने कहा है कि वह एंट्रेस एग्जाम को लेकर बहुत चिंतित थी. तमाम परेशानियों के बावजूद उसने अपनी पढ़ाई पर फोकस किया था. उसने क्या गलत किया और उसकी मौत के लिए अब कौन जवाब देगा?

राजनीतिक पार्टियों ने किया बंद का आह्वान

शनिवार को बड़ी संख्या में स्थानीय लोग अनीता के घर पहुंचे और अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की. सेन्थुराई के पास कुझुमूर में अनीता का पार्थिव शरीर आम लोगों के दर्शन के लिए रखा गया है. अनीता के रिश्तेदार और दोस्तों के साथ कई राजनेता भी 17 साल की होनहार छात्रा को श्रद्धाजंलि देने पहुंचे हैं. अरियालुर जिले में कई राजनीतिक पार्टियों की तरफ से बंद का आह्वान किया गया है. हड़ताल के समर्थन में दुकानें और सरकारी प्रतिष्ठान बंद हैं.

AIADMK नेता की असंवेदनहीनता

तमिलनाडु ही नहीं बाहर के राज्यों से भी अनीता के लिए भावनाओं का ज्वार उमड़ पड़ा है. हालांकि राज्य में सत्तारूढ़ पार्टी के एक नेता ने ट्वीट करते हुए अनीता के दिल्ली दौरों पर सवाल खड़े किए हैं. एआईएडीएमके के ज्वाइंट सेक्रेटरी (आईटी विभाग) हरी प्रभाकरन ने नीट के खिलाफ अनीता के कैंपेन की तारीफ करते हुए पूछा कि दिल्ली जाने के लिए उसके हवाई दौरे का खर्च कौन वहन करता था.

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हालांकि बाद में एआईडीएमके नेता ने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया और अब अनीता के समर्थन में ट्वीट कर रहे हैं.

अनीता की मौत के लिए केंद्र और राज्य सरकार जिम्मेदार

पूर्व केंद्रीय मंत्री और पीएमके नेता अंबुमणि रामदास ने इस त्रासदी के लिए केंद्रीय और राज्य सरकारों को दोषी ठहराया है. अनीता के माता-पिता के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री पलानीस्वामी की अध्यक्षता वाली राज्य सरकार और केंद्र सरकार को उनकी मृत्यु की जिम्मेदारी स्वीकार करनी चाहिए क्योंकि उन्होंने शुरू में आश्वासन दिया था कि तमिलनाडु को नीट से एक वर्ष की छूट मिलेगी. पीएमके नेता ने कहा कि उन्हें समझ नहीं आ रहा कि ग्रामीण छात्रों की तरफ से नीट के खिलाफ आवाज उठाने वाली अनीता ने आत्महत्या का रास्ता क्यूं अपनाया.

 

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