
केरल के सबरीमाला मंदिर में दो महिलाओं के दर्शन करने से उपजे विरोध प्रदर्शन के बीच गुरुवार देर रात एक श्रीलंकाई महिला भी मंदिर द्वार तक पहुंच गई लेकिन दर्शन नहीं पाई. जानकारी के मुताबिक 46 वर्षीय महिला पहले पुलिस के पास पहुंची और उन्हें बताया कि वो मेनोपॉज (मासिक धर्म से निवृत्ति) में पहुंच चुकी है. इसके बाद पुलिस के सुरक्षा घेरे में महिला सबरीमाला मंदिर के प्रवेश द्वार तक पहुंची, लेकिन गर्भ गृह तक पहुंचने में नाकाम रही और वहीं से वापस लौट गई.
महिला के मंदिर में जाते समय कुछ लोगों को उसकी उम्र को लेकर संदेह था, इस दौरान कुछ लोगों ने विरोध प्रदर्शन भी किया. दरअसल, गुरुवार देर रात महिला चढ़ाई कर ऊपर पहुंची, इसके बाद उसने पुलिस को बताया कि वो भगवान अयप्पा के दर्शन करना चाहती है, वो मेनोपॉज में पहुंच चुकी है और उसके पास इसका मेडिकल सर्टिफिकेट भी है. इसके बाद पुलिस ने उसे सुरक्षा मुहैया कराई, लेकिन मंदिर के बाहर हो रहे विरोध प्रदर्शन के कारण वो भगवान अयप्पा का दर्शन नहीं कर पाई. इसके बाद उन्होंने मंदिर के बाहर ही पूजा की और लौट गईं.
बता दें कि, सबरीमाला मंदिर में 10 से 50 साल की महिलाओं की एंट्री का विरोध किया जा रहा है. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने समानता के अधिकार के आधार पर फैसला सुनाते हुए सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर रोक को हटा दिया था. इसके बाद भी मंदिर में महिलाओं को प्रवेश नहीं मिल रहा था. तमाम प्रदर्शन और कथित रोक के बावजूद बीते बुधवार को करीब 40 साल की 2 महिलाओं (बिन्दू और कनकदुर्गा) ने मंदिर में प्रवेश कर सदियों पुरानी परंपरा को ध्वस्त कर दिया था.
इसके बाद केरल में महिलाओं के प्रवेश पर जमकर बवाल हुआ. तिरुवनंतपुरम में आरएसएस कार्यकर्ताओं ने पुलिस पर देसी बम फेंके. इस दौरान पुलिस के जवान बचने के लिए इधर-उधर भागते नजर आए. कई जवान घायल भी हुए. बता दें कि अब तक 745 लोगों की अनेकों हिंसा के आरोप में गिरफ्तारी हो चुकी है.
केरल के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शनों के दौरान शांति भंग करने और कानून तोड़ने के तहत 559 मामले दर्ज हुए. इस दौरान 628 लोगों को एहतियातन हिरासत में लिया गया है. इस बीच, केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने हिंसा की निंदा की है. विजयन ने कहा, 'कल से, यह देखने में आया है कि महिलाओं समेत मीडियाकर्मियों को भी संघ परिवार के कार्यकर्ताओं ने नहीं बख्शा है. ये लोग कानून अपने हाथ में लेना चाहते हैं. इससे गंभीरता से निपटा जाएगा.'
केरल में RSS कार्यकर्ताओं ने पत्रकारों पर हमले किए
दो दिनों के अंदर महिलाओं समेत करीब 100 मीडियाकर्मियों पर हमले किए गए हैं. केरल यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स के अध्यक्ष ने इन घटनाओं के लिए RSS को जिम्मेदार ठहराते हुए गुरुवार को यह जानकारी दी. सबरीमाला कर्मा समिति (एसकेएस) द्वारा बुलाए गए और भाजपा व आरएसएस समर्थित सुबह से शाम तक के बंद के दौरान गुरुवार को यहां प्रदर्शनकारियों को अपना गुस्सा पत्रकारों पर निकालते देखा गया.
केरल पुलिस प्रमुख लोकनाथ बेहरा ने कहा कि पुलिस इन हमलों को 'काफी गंभीर' हमले के तौर पर देखती है और हमलावरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा, "इन हमलों की जांच के लिए पुलिस अधिकारियों की एक अलग समिति बनने के लिए सभी जिला पुलिस प्रमुखों को दिशानिर्देश जारी कर दिए गए हैं. खुफिया विभागों को भी इस मामले पर ध्यान देने के लिए कहा गया है."