
जानेमाने पर्यावरणविद और टेरी के पूर्व प्रमुख आर के पचौरी के खिलाफ यौन उत्पीड़न का एक और मामला सामने आया है. पचौरी के पूर्व सचिव होने का दावा करने वाली एक यूरोपीय महिला ने उन पर ये आरोप लगाए हैं. इसके पहले टेरी में काम करने वाली दो महिलाओं ने भी पचौरी के खिलाफ इस तरह के आरोप लगाए थे.
वकील को लिखा लेटर
आर के पचौरी के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों के मामले में महिला ने वकील वृंदा ग्रोवर के नाम एक लेटर लिखा. उनके मुताबिक, 2008 में वह पचौरी की सचिव के रूप में ‘द एनर्जी एंड रिसोर्सिस इंस्टीट्यूट' (टेरी) में काम करती थी. उसने फरवरी 2015 में ग्रोवर से संपर्क किया था, जब उसे यौन उत्पीड़न के एक मामले में पचौरी के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने का पता चला था.
19 साल में हुआ महिला का उत्पीड़न
महिला ने कहा, ‘इन खबरों को पढ़ने के बाद मैं बिल्कुल भी हैरान नहीं थी. मैं उस चीज को अच्छी तरह समझ सकती हूं, जो दूसरी महिला ने अपने बयान में लिखा.' महिला ने दावा किया कि जब पचौरी ने उसका उत्पीड़न किया, तब वह 19 साल की थी. उसका पक्ष ग्रोवर और एक और वकील रत्ना आपनेंदर रखेंगी.
पचौरी ने आरोपों पर बोलने से किया इंकार
इन आरोपों के बारे में पचौरी ने कोई कमेंट करने से इंकार कर दिया. हालांकि, उनके वकील आशीष दीक्षित ने इसे अपने मुवक्किल को बदनाम करने की साजिश करार दिया है. उनका कहना है कि जब हर बार ऐसा कोई मामला आता है, तो क्यों ग्रोवर ही बयान देती हैं और पुलिस में शिकायत नहीं होती. उनके मुताबिक, जजों की पूर्वधारणा बनाने के लिए इस तरह की खबरें फैलाई जाती हैं.