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नए साल के मौके पर भारत व चीन की सेनाओं की बैठक, शांति बरकरार रखने की अपील

नए साल (2016) के मौके पर शुक्रवार को यहां सीमा सुरक्षा बलों की एक औपचारिक बैठक (बीपीएम) हुई. भारतीय पक्ष की तरफ से प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व ब्रिगेडियर विजयंत यादव ने किया, वहीं चीनी पक्ष का नेतृत्व वरिष्ठ कर्नल फान जुन ने किया.'

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अकरम शकील
  • श्रीनगर,
  • 01 जनवरी 2016,
  • अपडेटेड 7:46 PM IST

भारत व चीन की सेनाओं ने नए साल के मौके पर शुक्रवार को जम्मू एवं कश्मीर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सीमा मुद्दे पर एक बैठक की. भारतीय सेना के उत्तरी कमान के उधमपुर मुख्यालय के प्रवक्ता कर्नल एस. डी. गोस्वामी ने कहा, "नए साल (2016) के मौके पर शुक्रवार को यहां सीमा सुरक्षा बलों की एक औपचारिक बैठक (बीपीएम) हुई. भारतीय पक्ष की तरफ से प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व ब्रिगेडियर विजयंत यादव ने किया, वहीं चीनी पक्ष का नेतृत्व वरिष्ठ कर्नल फान जुन ने किया.'

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कर्नल गोस्वामी ने कहा, 'यह बैठक सीमा पर कार्यात्मक स्तर पर संबंधों को बनाए रखने व उसमें सुधार लाने की परस्पर इच्छा को दर्शाता है.' उन्होंने कहा, दोनों प्रतिनिधिमंडलों ने स्वतंत्र, अनुकूल व सौहार्द्रपूर्ण माहौल में एक-दूसरे से बातचीत की. प्रतिनिधिमंडलों ने मौजूदा सौहार्द्रपूर्ण संबंधों को बढ़ाने व एलएसी पर शांति बरकरार रखने की प्रतिबद्धता जताई.' गोस्वामी ने कहा, 'दोनों पक्षों ने एलएसी पर शांति व सौहार्द्र कायम रखने के लिए दोनों देशों की सरकारों के बीच संधियों व करारों को कायम रखने को लेकर आपसी विश्वास के निर्माण पर जोर दिया.'

चीन जाएंगे अजित डोवाल
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवाल लंबित सीमा संबंधी विवाद तथा अन्य रणनीतिक मामलों पर अपने चीनी समकक्ष से बातचीत करने के लिए अगले हफ्ते चीन की यात्रा पर जाएंगे. पेइचिंग से मिली जानकारी के अनुसार भारत-चीन सीमा बातचीत के विशेष प्रतिनिधि डोवाल अपने चीनी समकक्ष तथा राज्य काउंसलर यांग जीची से पांच जनवरी को अनौपचारिक बातचीत करेंगे. इस दौरान दोनों अधिकारी सीमा के मसले पर हुई प्रगति का रिव्यू भी करेंगे. अपनी चीन यात्रा के दौरान डोवाल 6 जनवरी को चीनी पीएम ली केकियांग से भी मुलाकात करेंगे.

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भारत-चीन 3488 किमी लंबे सीमा विवाद को निपटाने के लिए अभी तक 18 राउंड की बातचीत कर चुके हैं. सीमा पर सालाना डायलॉग के अलावा विशेष प्रतिनिधि विभिन्न रणनीतिक मुद्दों के संदर्भ में हुई प्रगति की समीक्षा के साथ ही उनपर चर्चा करने के लिए अनौपचारिक मुलाकात करते रहते हैं. इन मुलाकातों में आस-पड़ोस तथा द्विपक्षीय रिश्तों से जुड़ी बातें शामिल होती हैं. इस बार की बातचीत ऐसे समय में हो रही है जह चीन दक्षिण एशियाई देशों के साथ अपनी नजदीकियां बढ़ाना चाहता है. इस के इन प्रयासों से भारत में चिंता का माहौल है.

चीन का मानना है कि सीमा विवाद महज पूर्व क्षेत्र खासकर अरुणाचल प्रदेश को लेकर है. चीन उस इलाके पर दक्षिण तिब्बत के रूप में दावा करता है जबकि, भारत इस बात पर बल देता है कि विवाद पश्चिमी क्षेत्र, खासकर 1962 की लड़ाई में चीन द्वारा कब्जाए गए क्षेत्र को लेकर है.

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