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वीके सिंह के खिलाफ आर्मी चीफ का SC में हलफनामा, लिखा- प्रमोशन रोकने की रची थी साजिश

'मुझे आर्मी कमांडर बनने से रोकने की साजिश की गई. जिससे मैं आगे चल कर सेना प्रमुख न बन सकूं.' ये खुलासा किया है सेना के मौजूदा प्रमुख दलबीर सिंह सुहाग ने. सुहाग ने ये आरोप पूर्व सेना प्रमुख और मौजूदा वक्त में केंद्रीय राज्य मंत्री वीके सिंह पर लगाया है.

दलबीर सिंह सुहाग दलबीर सिंह सुहाग
अहमद अजीम
  • नई दिल्ली,
  • 18 अगस्त 2016,
  • अपडेटेड 9:41 AM IST

'मुझे आर्मी कमांडर बनने से रोकने की साजिश की गई. जिससे मैं आगे चल कर सेना प्रमुख न बन सकूं.' ये खुलासा किया है सेना के मौजूदा प्रमुख दलबीर सिंह सुहाग ने. सुहाग ने ये आरोप पूर्व सेना प्रमुख और मौजूदा वक्त में केंद्रीय राज्य मंत्री वीके सिंह पर लगाया है.

सुहाग ने सुप्रीम कोर्ट में दायर एक हलफनामे में ये बात कही है. ये हलफनामा उस याचिका के जवाब में दाखिल किया गया है जिसमें सुहाग के सेना प्रमुख बनने को चुनौती दी गई है. याचिका पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल रवि दस्ताने की है. अब सेवानिवृत्त हो चुके लेफ्टिनेंट जनरल रवि दस्ताने ने 2014 में सुहाग के खिलाफ याचिका दायर की थी. याचिका में कहा गया था कि मई 2012 में सुहाग पर अनुशासनात्मक रोक लगाई गई थी. इस रोक के रहते वो सेना की पूर्वी कमांड के प्रमुख नहीं बन सकते थे. लेकिन 1 जून 2012 को सेना प्रमुख बने विक्रम सिंह ने पक्षपात करते हुए ये रोक हटा दी. इसके बाद सुहाग को पूर्वी भारत का आर्मी कमांडर बना दिया गया.

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प्रमोशन से बने सेना प्रमुख
रवि दस्ताने ने आरोप लगाया था कि इसी प्रमोशन की वजह से दलबीर सुहाग भविष्य में सेना प्रमुख बनने के दावेदार हो गए थे. चूंकि, उनका 2012 में हुआ प्रमोशन गलत था, इसलिए उन्हें सेना प्रमुख न बनने दिया जाए. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने तब ऐसा कोई भी आदेश देने से मना कर दिया था. तब से ये याचिका लंबित है. सुहाग पर अनुशासनात्मक रोक जनरल वी के सिंह के सेना प्रमुख रहते लगाई गई थी.

जोरहाट की कार्रवाई में लगा था आरोप
दिसंबर 2011 में सेना की 3 कॉर्प्स की तरफ से असम के जोरहाट में की गई कार्रवाई की वजह से ये रोक लगाई गई थी. 3 कॉर्प्स के कई अधिकारियों पर एक घर में घुसकर डकैती का आरोप लगा था. घटना के वक्त दलबीर सिंह सुहाग 3 कॉर्प्स के कमांडिंग ऑफिसर थे. दलबीर सिंह सुहाग ने अपने हलफनामे में कहा है कि ये बात साफ थी कि उनका इस घटना से कोई लेना-देना नहीं था. जिस वक्त ये घटना हुई वो छुट्टी पर थे. इसके बावजूद अचानक उन पर अनुशासनात्मक रोक लगा दी गई.

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साजिश का लगाया आरोप
सुहाग ने आरोप लगाया है कि इस घटना की आड़ में उन्हें पूर्वी भारत का आर्मी कमांडर बनने से रोकने की साजिश रची गई. ये साजिश खुद तत्कालीन सेना प्रमुख वीके सिंह ने रची. उनके बाद सेना प्रमुख बने जनरल विक्रम सिंह ने इस कार्रवाई को गलत मानते हुए निरस्त कर दिया. इससे पहले जून 2014 में दाखिल हलफनामे में रक्षा मंत्रालय ने भी सुहाग के खिलाफ मई 2012 में हुई कार्रवाई को 'साजिश' करार दिया था.

सुहाग पर रोक सही
हालांकि, अब केंद्रीय मंत्री बन चुके वीके सिंह कई मौकों पर ये कह चुके हैं कि अगर सेना की कोई टुकड़ी डकैती जैसा अपराध करे तो उसके प्रमुख पर अनुशासनात्मक कार्रवाई होनी ही चाहिए. इसलिए, उन्होंने सुहाग पर रोक लगा कर बिल्कुल सही किया था. बहरहाल, अब सुप्रीम कोर्ट में दायर इस हलफनामे पर कोर्ट क्या कहता है इस पर सबकी नजर रहेगी.

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