
सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने रविवार को सशस्त्र बल व्यवस्था में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और बिग डाटा कंप्यूटिंग को शामिल करने पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने कहा कि चीन इस प्रौद्योगिकी पर काफी धन खर्च कर रहा है. उन्होंने कहा कि निकट भविष्य में भारत और पाकिस्तान के बीच कहीं भी शांति की कोई गुंजाइश नहीं है और इसलिए सशस्त्र बलों को नई तकनीकों को लागू करने के लिए तैयार रहना होगा.
रक्षा विनिर्माण में आत्म निर्भरता पर राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बिपिन रावत ने कहा कि प्रौद्योगिकी में तेजी से विकास की वजह से रक्षा उत्पादन में औद्योगिक क्षेत्र को शामिल करने की जरूरत पड़ी. उन्होंने कहा कि बंदूक और राइफल के अलावा हम कई गैर संपर्क वाला युद्ध होते देखेंगे. भविष्य के युद्ध साइबर क्षेत्र में लड़े जाएंगे.
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर काफी पैसा खर्च कर रहा है चीन
सेना प्रमुख ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और बिग डाटा कंप्यूटिंग और कैसे इसे रक्षा प्रणाली में शामिल किया जाए, इसकी प्रासंगिकता को समझना महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि उत्तरी सीमा पर हमारा विरोधी चीन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और साइबर युद्ध पर काफी पैसा खर्च कर रहा है. हम पीछे नहीं रह सकते. उन्होंने कहा कि हमारे लिए भी महज परिभाषा तक सीमित रखने की जगह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और बिग डाटा एनालिटिक्स पर ध्यान केंद्रित करने का समय है.
घाटी में मासूम और नाबालिग को भड़का रहे आतंकी
इससे पहले सेना प्रमुख बिपिन रावत ने कहा था कि जम्मू कश्मीर में भी सेना देश और लोगों की सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं करेगी और उसने हर नापाक हरकत पर आतंकवादियों को भारी नुकसान पहुंचाया है. उन्होंने कहा कि घाटी में मासूम और नाबालिग युवाओं को भड़काकर उन्हें आतंकवाद के कुचक्र में धकेला जा रहा है. इससे स्थानीय लोगों का ही नुकसान हो रहा है और आतंकवादी उन्हें भ्रमित कर एक अंधे कुंए में धकेल रहे हैं.
20 देशों की सेनाओं के साथ किया संयुक्त अभ्यास
उन्होंने कहा कि भारतीय सेना सैन्य कूटनीति पर काम करते हुए विदेशी सेनाओं के साथ निरंतर संपर्क और आदान-प्रदान कार्यक्रमों का आयोजन करती है. सेना ने 20 देशों की सेनाओं के साथ संयुक्त अभ्यास किया है और उनके साथ अनभुव और सैन्य कौशल साझा किया है.