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थल और वायु सेना के युद्धाभ्यास से थर्राया थार का रेगिस्तान

गुरुवार को भिष्म टी-90 टैंकों ने दुश्मनों के ठिकानों पर जमकर गोले बरसाए. टी- 90 टैंकों की क्षमता ने दुश्मनों के ठिकाने को नेस्तनाबूद किया. टैंकों के हमले का साथ देने के लिए एयरफोर्स के पराड्रपर्स ने युद्ध के मैदान में युद्धक विमान से उतरकर मोर्चा संभालने का अभ्यास किया.

रेगिस्तान में युद्धाभ्यास करते सैन‍िक रेगिस्तान में युद्धाभ्यास करते सैन‍िक
रणविजय सिंह/शरत कुमार
  • थार,
  • 22 दिसंबर 2017,
  • अपडेटेड 4:14 AM IST

राजस्थान में थार का रेगिस्तान आज भारत के जवानों के पराक्रम से थर्रा उठा है. भारतीय थल सेना और वायु सेना एक साथ मिलकर जैसलमेर और बाड़मेर के रेगिस्तान में युद्धाभ्यास कर रही हैं. करीब 20,000 सैनिकों और एयरफोर्स के जांबाज जवानों के साथ इस वॉर एक्सरसाइज को अंजाम दिया जा रहा है. पिछले 1 महीने से जारी इस युद्ध अभ्यास में एक साथ भारतीय वायु सेना और थल सेना किस तरह से दुश्मनों को तेजी के साथ जवाब देगी, इसका अभ्यास किया जा रहा है.

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गुरुवार को भिष्म टी-90 टैंकों ने दुश्मनों के ठिकानों पर जमकर गोले बरसाए. टी- 90 टैंकों की क्षमता ने दुश्मनों के ठिकाने को नेस्तनाबूद किया. टैंकों के हमले का साथ देने के लिए एयरफोर्स के पराड्रपर्स ने युद्ध के मैदान में युद्धक विमान से उतरकर मोर्चा संभालने का अभ्यास किया.

दरअसल इस पूरे एक्सरसाइज में सबसे ज्यादा इस बात पर ध्यान दिया जा रहा है कि बेहतर कोआर्डिनेशन और कम्युनिकेशन के संसाधनों का प्रयोग कर किस तरह से दुश्मनों के हमले पर तुरंत जवाब दिया जाए. इसके लिए सबसे लेटेस्ट टेक्नोलॉजी के संसाधनों का प्रयोग किया जा रहा है.

अगर कोई आतंकी घटना होती है या फिर दुश्मन का हमला होता है तो तेजी के साथ टारगेट में पहुंचकर उसका मटियामेट कैसे किया जाए उसका भी अभ्यास किया गया. बुधवार को थल सेना के सैनिकों ने एयर फोर्स के साथ मिलकर दुश्मनों के कई ठिकानों पर हमला किया. इस में एयरफोर्स के जवान हवाई हमले में टारगेट को नेस्तनाबूद कर रहे थे और पीछे से सुसज्जित थल सेना के जवान एक साथ रेगिस्तानी इलाकों में दुश्मनों के ठिकानों को मिटा रहे थे.

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रक्षा मंत्रालय के सूत्रों की मानें तो एक तरफ से पहली बार इतने सटीक तरीके से एक साथ मिलकर थार के रेगिस्तान में एयरफोर्स और आर्मी ने दुश्मनों के काल्पनिक ठिकानों को बर्बाद किया है. माना जा रहा है कि इस अभ्यास के बाद हवाई हमले और जमीनी हमले एक साथ करने के सेना की क्षमता में और बढ़ोतरी होगी.

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