
जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के फैसले के खिलाफ कुछ पूर्व सैन्य अफसर और नौकरशाहों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. इस याचिका में याचिकाकर्ताओं ने राष्ट्रपति के आर्टिकल 370 को निरस्त करने के फैसले को चुनौती दी है.
सरकार के फैसले के खिलाफ कोर्ट में याचिका दाखिल करने वालों में साल 2010-11 में जम्मू-कश्मीर की समस्या पर वार्ताकार रहीं राधा कुमार, पूर्व आईएएस अधिकारी हैदर तैयब, पूर्व एयर वाइस मार्शल कपिल काक, पूर्व मेजर जनरल अशोक कुमार मेहता, पंजाब कैडर के पूर्व आईएएस अधिकारी अमिताभ पांडे, केरल कैडर के पूर्व आईएएस अधिकारी गोपाल पिल्लई प्रमुख हैं. इन याचिकाकर्ताओं के वकील अर्जुन कृष्णन और कौस्तुभ सिंह है.
सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करने वाले इन पूर्व नौकरशाहों और सैन्य अफसरों ने आर्टिकल 370 को हटाए जाने को लेकर कहा कि इस आर्टिकल की वजह से ही कश्मीर भारत से जुड़ा और अब इसे हटाना वहां के लोगों की भावना से खेलने जैसा है.
उन्होंने कहा कि विशेष तौर पर इसके लिए वहां के लोगों को भरोसे में नहीं लिया गया और उन्हें इस बात का कोई आभास नहीं था कि सरकार ऐसा निर्णय लेने जा रही है. याचिकाकर्ताओं के मुताबिक जम्मू-कश्मीर के लिए आर्टिकल 370 एक संवैधानिक अनियवार्यता है.
ये सभी याचिकाकर्ता भारत सरकार और जम्मू-कश्मीर में पहले कई महत्वपूर्ण पदों पर काम कर चुके हैं.