
केंद्रीय मंत्री अरूण जेटली की ओर से कल राहुल गांधी पर निशाना साधने के बाद कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने आज पलटवार किया. जिसके बाद दोनों नेताओं के बीच राजनीतिक विमर्श को लेकर बहस देखने को मिली.
जेटली ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष के लिए कल कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की समझ पर सवाल उठाया था, जेटली ने कहा था कि यह तो अनुभवों से ही आती है, विरासत में नहीं मिलती.
जेटली के इस बात पर सुरजेवाला ने एक बयान जारी कर पलटवार किया, सुरजेवाला ने दावा किया कि बिना विभाग के मंत्री जेटली राजनीतिक प्रासंगिकता हासिल करने की कोशिश कर रहे है.
सुरजेवाला के इस बयान के बाद जेटली ने ट्वीट कर कहा, रणदीप सुरजेवाला, यह राजनीतिक विमर्श है. अशोभनीय बातें करना जवाब देना नहीं है. जवाब देना है तो तथ्यों के साथ जवाब दीजिए.
जेटली के इस ट्वीट पर कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता ने आज कहा, जेटली जी, जब आप तथ्यों को तोड़-मरोड़कर कांग्रेस नेतृत्व, यहां तक कि उच्चतम न्यायालय और कई अन्य लोगों के बारे में भला-बुरा कहते हैं, तो वह राजनीतिक विमर्श होता है. जब आपको ठोस तथ्यों के साथ सच का आइना दिखाया जाता है, तो आप असहज हो जाते हैं और इसे अशोभनीय बात करार देते हैं.
भाजपा के वरिष्ठ नेता जेटली ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि रणदीप सुरजेवाला, अगर आर्थिक कुप्रबंधन होता तो कमजोर अर्थव्यवस्था वाले पांच देशों (फरगाइल फाइव) और नीतिगत पंगुता से दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था का सफर संभव नहीं हो सकता था. यह जानकारी नहीं होने का एक और मामला है.
इस पर सुरजेवाला ने कहा कि जेटली जी, मोदी सरकार में पिछले चार साल में विकास दर सबसे निचले स्तर पर है. निर्यात गिर गया है, दो करोड़ों नौकरियों का वादा जुमला निकला, एनपीए 10 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया है, निवेश गिर गया है, बैंकों की हालत खराब हो चुकी है. लूट और घोटाले आम बात हो गई है, जीएसटी गलत ढंग से लागू की गई, योजनाएं विफल हो रही है. क्या यह सब आर्थिक कुप्रबंधन नहीं है?
जेटली ने फेसबुक पर लिखा है कि कांग्रेस पार्टी विचारधारा विहीन हो गई है, क्योंकि वह केवल एक व्यक्ति नरेंद्र मोदी की रट लगाती है.
उल्लेखनीय है कि राहुल गांधी बड़ी कंपनियों को 2.5 लाख करोड़ रुपये के कथित कर्ज माफ किए जाने को लेकर केंद्र की भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार पर हमले कर रहे हैं, इसके साथ ही उन्होंने मुद्रा योजना की भी आलोचना की है.