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अरुण शौरी का आरोप- प्रधानमंत्री के इशारों पर हटाए गए CBI के अफसर

शौरी ने कहा कि प्रधानमंत्री के अलावा क्या सरकार नाम की कोई चीज है. सरकार की ओर से एक्शन के पीछे दी गई दलील पर शौरी ने कहा कि सीवीसी सिर्फ प्यादा है. उन्होंने कहा कि कमिश्नर को स्वतंत्र तौर पर सोचने और सलाह देने का हक नहीं है.

अरुण शौरी (फाइल फोटो- PTI) अरुण शौरी (फाइल फोटो- PTI)
पूजा शाली
  • नई दिल्ली,
  • 25 अक्टूबर 2018,
  • अपडेटेड 1:10 PM IST

सीबीआई को लेकर मचे घमासान के बीच पूर्व केंद्रीय मंत्री और मशहूर पत्रकार रहे अरुण शौरी ने मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला है. 'आजतक' से खास बातचीत में शौरी ने कहा कि जिस तरह से सरकार ने आधी रात को सीबीआई अफसरों को छुट्टी पर भेजा, दफ्तर में छापेमारी की गई, उससे दशहत का माहौल पैदा किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार के इस कदम से सिविल सेवा के अफसरों और पुलिस के हौसले पर बुरा असर पड़ेगा.

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अरुण शौरी ने कहा कि ऐसा लग रहा है कि हम चीन, सोवियत संघ और मिडिल ईस्ट में हैं, जहां किसी तरह का कोई लोकतंत्र नहीं है. जब पूछा गया कि क्या सीबीआई में आधी रात को हुए बदलाव में PMO का भूमिका है? तो शौरी ने सीधे आरोप लगाते हुए कहा कि ये तो स्वाभाविक है, क्या प्रधानमंत्री के अलावा कोई सरकार है. उन्होंने कहा कि PMO जैसा कुछ है ही नहीं, बल्कि वहां सिर्फ वहां सिर्फ चपरासी, कर्मचारी और सचिव काम करते हैं.

उन्होंने कहा प्रधानमंत्री के अलावा क्या सरकार नाम की कोई चीज है? सरकार की ओर से एक्शन के पीछे दी गई दलील पर शौरी ने कहा कि सीवीसी सिर्फ प्यादा है. उन्होंने कहा कि कमिश्नर को स्वतंत्र तौर पर सोचने और सलाह देने का हक नहीं है.

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राफेल डील पर दायर की गई शिकायत पर शौरी ने कहा कि हमारी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. हमारी मांग है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सीबीआई एक हफ्ते के भीतर राफेल डील में एफआईआर दर्ज करे, लेकिन इस मामले में क्या हुआ, किसी को नहीं पता. उन्होंने कहा कि सीबीआई के पूर्व निदेशक आलोक वर्मा से हमारी कोई मुलाकात न तो पहले हुई थी और न अब हुई है.  

शौरी ने आरोप लगाया कि इन सभी हरकतों के जरिए सीबीआई का अपमान कर रही है और ये सभी कोशिश मुख्य मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए की जा रही हैं. आलोक वर्मा इसे रोकना चाहता थे, इसी वजह से उन्हें पद से हटाया गया है.

याचिका पर SC में सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण, पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी की ओर से दायर की गई याचिका पर सुनवाई के लिए राजी हो गया है. बुधवार को भूषण की ओर से दायर जनहित याचिका में मांग की गई थी कि कोर्ट की निगरानी में राफेल डील में कथित गड़बड़ी की जांच की जाए.

प्रशांत भूषण ने बताया कि यह मामला चीफ जस्टिस की कोर्ट में है. साथ ही इसमें मांग की गई है कि कोर्ट SIT बनाकर राकेश अस्थाना सहित अन्य आरोपी अधिकारियों के खिलाफ जांच कराए और जांच का नतीजा आने तक अस्थाना और अन्य आरोपियों को पद से हटाया जाए.

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