
अरुणाचल प्रदेश में सियासी तूफान थमने का नाम नहीं ले रहा. राज्य की सत्ताधारी पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल (पीपीए) द्वारा सस्पेंड किए जाने के बाद पेमा खांडू सहित पीपीए के 32 विधायक बीजेपी में शामिल हो गए. बीजेपी के पास अभी 11 विधायक हैं, ऐसे में इन विधायकों के शामिल होने और एक निर्दलीय विधायक के समर्थन से राज्य की 60 सदस्यीय विधानसभा में पार्टी के कुल 44 विधायक हो गए, जो कि बहुमत से काफी आगे है. बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव ने भी ट्वीट कर कहा कि अरुणाचल में अब बीजेपी की सरकार बनने जा रही है.
वहीं पेमा खांडू ने संवाददाता सम्मेलन में अपने इस फैसले की घोषणा करने के साथ ही कहा, 'कारण बताओ नोटिस के बिना विधायकों का अस्थायी निलंबन कर दिया गया. पीपीए ने जिस तरह विधायकों के साथ धोखा किया, उससे पार्टी के दो तिहाई से ज्यादा विधायकों ने बीजेपी में शामिल होने का फैसला लिया. पीपीए की यह कार्रवाई हमारे लिए फायदेमंद ही रही.'
बीजेपी से करीबी की पहले से थी खबरें
इससे पहले पीपीए ने पेमा खांडू को सीएम पद से हटाकर उनकी जगह तकाम पारियो को नया मुख्यमंत्री बनाने की घोषणा की थी. पार्टी ने गुरुवार देर रात खांडू के साथ पार्टी के 6 अन्य नेताओं को सस्पेंड कर दिया था. सूत्रों के मुताबिक, पीपीए नेतृत्व पेमा खांडू पर भारतीय जनता पार्टी के बढ़ते प्रभाव से नाराज था और यही उनके निलंबन की वजह भी बनी.
पार्टी अध्यक्ष ने काहफा बेंगिया ने सीएम पेमा खांडू के अलावा डिप्टी सीएम चोवना मेन के अलावा जिन विधायकों को सस्पेंड किया, उनमें जेम्बी टाशी (लुमला सीट), पासांग दोरजी सोना (मेचुका), चोव तेवा मेन (चोखाम), जिंगनू नामचोम (नामसाई) और कामलुंग मोसांग (मियाओ) शामिल थे. पीपीए अध्यक्ष बेंगिया ने इस कार्रवाई के लिए पार्टी विरोधी गतिविधियों का हवाला दिया था. बेंगिया ने कहा था कि पहली नजर में इन सबूतों से वह संतुष्ट हैं कि ये लोग पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल हैं.
राज्य में पीपीए के पास विधानसभा स्पीकर को मिलाकर कुल 43 विधायक थे और वह यहां नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रैटिक एलायंस का हिस्सा है. अरुणाचल में बीजेपी के 11 विधायक भी राज्य सरकार का हिस्सा थे. हालांकि अब इस टूट के बाद पीपीए के पास 11 विधायक ही बचे रह गए.
अरुणाचल में पिछले डेढ़ साल से जारी है सियासी उथलपुथल
अरुणाचल में सियासी उथल-पुथल कोई नई बात नहीं, इसी साल राज्य में चार मुख्यमंत्री देखे गए. इससे पहले यहां बड़ा सियासी संकट तब खड़ा हो गया था, जब पेमा खांडू समेत कांग्रेस के 43 विधायक पार्टी छोड़कर पीपल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल में शामिल हो गए थे. इसके बाद से ही पीपीए में पहले से मौजूद और हाल ही में शामिल हुए नए सदस्यों में मतभेद जारी था.