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राम मंदिर विवाद पर बोले ओवैसी- धमकी ना दें सुब्रह्मण्यम स्वामी

राम मंदिर पर कल ही सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था कि दोनों पक्ष इस मुद्दे पर बात करें. ताकि इस मुद्दे को बात करके हल किया जा सके. मगर दोनो पक्षों की बात तो गई लेकिन भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि मुस्लिम मेरी एक सलाह मान लें वरना हम 2018 में राम मंदिर के लिए एक ऐसा कानून लायेंगे की आप लोग कुछ नहीं कर पाओगे.

असदुद्दीन ओवैसी असदुद्दीन ओवैसी
जितेंद्र बहादुर सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 22 मार्च 2017,
  • अपडेटेड 7:19 PM IST

राम मंदिर पर सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था कि दोनों पक्ष इस मुद्दे पर बात करें. ताकि इस मुद्दे को बात करके हल किया जा सके. मगर दोनो पक्षों की बात तो गई लेकिन भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि मुस्लिम मेरी एक सलाह मान लें वरना हम 2018 में राम मंदिर के लिए एक ऐसा कानून लायेंगे की आप लोग कुछ नहीं कर पाओगे.

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दरअसल, राम मंदिर–बाबरी मस्जिद मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट की आपसी सुलह की पेशकश के अगले दिन आज को भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी का बड़ा बयान आया है. स्वामी ने ट्वीट करके कहा कि मुस्लिम सरयू नदी पार मुस्जिद का उनका प्रस्ताव मान लें, अन्यथा 2018 में राज्यसभा में भाजपा का बहुमत होगा और तब कानून बनाकर राम मंदिर बनाने का रास्ता साफ कर दिया जाएगा.

इस मामले पर असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि सुब्रमनियम स्वामी झूठ कह रहे हैं. मामला जब कोर्ट में है तो आप यानि स्वामी कुछ नहीं कर सकते हैं. कोर्ट में मोदी सरकार जाकर कहे कि रोज सुनवाई करे तो हल निकल सकता है. स्वामी धमकी दें रहे हैं. उनके मुताबिक या तो हमारी बात मानिये नहीं तो हम इस मुद्दे पर काम करेंगे, वो डरा रहे हैं. हिन्दू राष्ट्र बनाने की कोशिश कर रहे हैं और मुसलमानों को दोयम दर्जे का शहरी बनाने का प्रयास है. ओवैसी ने कहा कि कानून सबसे बड़ा है. वो स्वामी और मोदी से बड़ा है.

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ओवैसी ने कहा कि हिंदुस्तान किसी की आस्था पर नहीं चलता है.कहा कि स्वामी जी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास जाएं और उनसे कहें कि जिस तरह सुप्रीम कोर्ट गर्मियों की छुट्टियों में बैठकर ट्रिपल तलाक पर सुनवाई करेगा. उसी के साथ-साथ इस मसले पर भी रोज सुनवाई हो. स्वामी ने कल आजतक से बातचीत में कहा था कि सऊदी अरब जैसे मुस्लिम देश में रोजाना सड़कें और अपार्टमेंट बनाने के लिए मस्जिदें तोड़ी जाती हैं. वहां तो पैगम्बर की बनाई मस्जिद भी तोड़ दी गई. अगर इन लोगों को मस्जिद बनानी ही है तो सरयू नदी के दूसरी तरफ बना लें.

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