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गणतंत्र दिवस की शान बढ़ाएंगे आसियान प्रमुख, दिल्ली पहुंचे कंबोडिया के PM

इसके लिए बुधवार सुबह कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन सेन पालम एयरपोर्ट पहुंचे. शुक्रवार से पहले सभी देशों के प्रमुखों के आने की उम्मीद है. 

कंबोडिया पीएम हुन सेन कंबोडिया पीएम हुन सेन
मोहित ग्रोवर
  • नई दिल्ली,
  • 24 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 1:05 PM IST

69वें गणतंत्र दिवस की तैयारियां जोर-शोर से चल रही है. इस बार की गणतंत्र दिवस परेड काफी खास होने वाली है. इस बार आसियान देशों के प्रमुख अतिथि के रूप में शामिल होंगे. इसके लिए बुधवार सुबह कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन सेन पालम एयरपोर्ट पहुंचे. शुक्रवार से पहले सभी देशों के प्रमुखों के आने की उम्मीद है.  

गणतंत्र दिवस परेड में ये देश होंगे शामिल

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ब्रुनेई

म्यांमार

कंबोडिया

इंडोनेशिया

लाओस

मलेशिया

फीलिपींस

सिंगापुर

थाइलैंड

विएतनाम

क्या है आसियान?

8 अगस्त, 1967 को इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर और थाईलैंड ने साथ मिलकर दक्षिण पूर्व एशियाई देशों का समूह यानी आसियान का गठन किया था हालांकि तब इस बात का अनुमान नहीं था कि यह संस्था जल्द ही अपनी खास पहचान बना लेगी. अब तक आसियान के 31 शिखर सम्मेलन हो चुके हैं.

10 सदस्यों वाली इस संस्था का मुख्य मकसद दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र में अर्थव्यवस्था, राजनीति, सुरक्षा, संस्कृति और क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ाना था.

आसियान का दायरा 44 लाख स्क्वायर किमी में फैला है, जो क्षेत्रफल के लिहाज से दुनिया की 3 फीसदी एरिया कवर करता है. इस संगठन में 63 करोड़ से ज्यादा की आबादी रहती है.

जीडीपी के लिहाज से 2014 में यहां की जीडीपी औसतन 7.6 ट्रीलियन डॉलर है. भारत और आसियान को मिलाकर देखा जाए तो दोनों क्षेत्रों में 180 करोड़ की आबादी रहती है. संयुक्त रुप से जीडीपी 2.8 ट्रिलियन डॉलर हो जाती है.

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यह सही है कि आसियान एक विकासशील देशों का गुट है लेकिन आज गैर-सदस्य अमेरिका, चीन और जापान जैसे संपन्न देश इसमें खासी रुचि रखते हैं. वहीं भारत भी इसका सदस्य नहीं होने के बावजूद आसियान के साथ लगातार बेहतर संबंध बनाए रखने की कोशिश में जुटा है.

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