
69वें गणतंत्र दिवस समारोह में इस बार आसियान देशों के प्रमुख शिरकत करने पहुंचे हैं. बुधवार को लगभग सभी देशों के प्रमुख नई दिल्ली पहुंच चुके हैं. गुरुवार को आसियान-भारत वार्ता की शिखर बैठक होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन सभी दस नेताओं के अलावा म्यांमार की आंग सान सू की से मुलाकात हुई.सभी देशों के राष्ट्रप्रमुखों का राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत किया गया.
क्या है आज का कार्यक्रम -
11.00 AM: ब्रुनई के सुल्तान हसन के साथ द्विपक्षीय बैठक.
11.55 AM: सभी प्रमुखों का राष्ट्रपति भवन में स्वागत.
01.50 PM: आसियान प्रमुखों के लिए रिट्रीट का कार्यक्रम.
05.30 PM: ताज होटल में आसियान प्रमुख का आगमन.
05.45 PM: आसियान प्रमुखों की मौजूदगी में पीएम मोदी का स्टांप रिलीज़ कार्यक्रम.
06.00 PM: प्लेनरी सेशन
07.15 PM: पेंटिंग प्रदर्शनी (मुमताज हाल)
07.30 PM: सांस्कृतिक कार्यक्रम
इन सभी देशों की संस्कृति और टैक्सटाइल्स को दर्शाने के लिए फैशन शो का आयोजन किया गया. इस फैशन शो में युवा फैशन डिजाइनर्स ने अपनी रचनात्मक प्रतिभा का लोहा मनवाया. इस मौके पर सूचना और प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी और विदेश राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह मौजूद रहे.
10 में से 9 देशों के नेता प्रधानमंत्री मोदी के साथ बुधवार से लेकर शुक्रवार तक द्विपक्षीय वार्ता करेंगे. सिर्फ एक देश कंबोडिया ही ऐसा होगा जिससे द्विपक्षीय वार्ता नहीं होगी. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने इसका कारण स्पष्ट करते हुए कहा कि कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन सेन का 27 जनवरी से भारत का औपचारिक दौरा शुरू हो रहा है, उसी दौरान द्विपक्षीय वार्ता होगी.
प्रधानमंत्री मोदी का बुधवार को वियतनाम के प्रधानमंत्री न्गुयेन हुआ फुक, फिलीपींस के राष्ट्रपति रोड्रिगो रोआ दुतेर्ते और म्यांमार की नेता आंग सान सू की से मिले. वहीं गुरुवार को उनका थाईलैंड के प्रधानमंत्री प्रयट चैन ओचा, सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली शियान लॉन्ग और ब्रुनेई के सुल्तान हसनल बोल्किया के साथ द्विपक्षीय वार्ताओं का कार्यक्रम है. शुक्रवार को प्रधानमंत्री मोदी इंडोनेशिया जोको विदिदो, मलेशिया के प्रधानमंत्री नजीब तुन रजक और लाओस के प्रधानमंत्री तंजोगलु सिसोलिथ के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे.
क्या है आसियान?
8 अगस्त, 1967 को इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर और थाईलैंड ने साथ मिलकर दक्षिण पूर्व एशियाई देशों का समूह यानी आसियान का गठन किया था हालांकि तब इस बात का अनुमान नहीं था कि यह संस्था जल्द ही अपनी खास पहचान बना लेगी. अब तक आसियान के 31 शिखर सम्मेलन हो चुके हैं.
10 सदस्यों वाली इस संस्था का मुख्य मकसद दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र में अर्थव्यवस्था, राजनीति, सुरक्षा, संस्कृति और क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ाना था.
आसियान का दायरा 44 लाख स्क्वायर किमी में फैला है, जो क्षेत्रफल के लिहाज से दुनिया की 3 फीसदी एरिया कवर करता है. इस संगठन में 63 करोड़ से ज्यादा की आबादी रहती है.
जीडीपी के लिहाज से 2014 में यहां की जीडीपी औसतन 7.6 ट्रीलियन डॉलर है. भारत और आसियान को मिलाकर देखा जाए तो दोनों क्षेत्रों में 180 करोड़ की आबादी रहती है. संयुक्त रुप से जीडीपी 2.8 ट्रिलियन डॉलर हो जाती है.
यह सही है कि आसियान एक विकासशील देशों का गुट है लेकिन आज गैर-सदस्य अमेरिका, चीन और जापान जैसे संपन्न देश इसमें खासी रुचि रखते हैं. वहीं भारत भी इसका सदस्य नहीं होने के बावजूद आसियान के साथ लगातार बेहतर संबंध बनाए रखने की कोशिश में जुटा है.