
एक तरफ जहां देश के विभिन्न स्थानों पर गाय, गो रक्षकों के नाम पर बवाल सामने आए. वहीं दूसरी तरफ एनआरसी को लेकर चर्चा में आए असम का एक गांव ऐसा भी है, जहां एक मुस्लिम परिवार द्वारा पाली गई गाय को देखने और उसका दूध पीने के लिए दूर-दराज से लोग पहुंच रहे हैं.
हम बात कर रहे हैं प्रदेश के बरपेटा जिले के मुस्लिम बहुल केकलगछिया के खिल्ली गांव की. खिल्ली निवासी फजर अली ने एक गाय पाली है. वह जब सात माह की थी, तभी से बिन बछड़े के ही दूध देती है.
प्रतिदिन लगभग 13 लीटर दूध दे रही इस गाय को देखने के लिए दूर-दूर से लोग पहुंच रहे हैं. इस गाय का दूध पीने के लिए लोगों की भीड़ इन दिनों लगी रह रही है. खिल्ली गांव के फजर अली के घर में एक गाय है, जिसने बछड़े को जन्म देना तो दूर, गर्भवती भी नहीं हुई, लेकिन रोजाना लगभग 13 लीटर दूध देती है.
लोगों में मान्यता, कई बीमारियों से मिलती है निजात
इस गाय के शरीर से अच्छी खुशबू भी आती है. लोग इसे अवतारी गाय मानते हैं. बताया जाता है कि यह गाय सात महीने की उम्र में भी ढाई लीटर दूध देती थी. लोगों में मान्यता है कि इस गाय का दूध पीने से कई बीमारियों से निजात मिलती है.
लोग बताते हैं कि इसका दूध पेट दर्द समेत विभिन्न बीमारियों जैसे सिर दर्द, पैरालाइसिस और कई अन्य बीमारियां दूर होती हैं. इस गाय का दूध पीने से मन की मुराद पूरी होती है. लोगों का मानना है कि यह गाय कोई साधारण गाय नहीं है.
दूध के लिए लग रही कतार
फजल के घर इस गाय का दूध लेने के लिए लोगों की लंबी कतार लग रही है. लोग बड़ी ही श्रद्धा से गाय का दूध लेकर प्रसाद की तरह ग्रहण कर रहे. अब इसे आस्था कहें या अंधविश्वास, लेकिन बच्चों को गोद में लिए महिलाएं हों या पुरुष, युवा हों या बुजुर्ग, सभी निरोगी काया की उम्मीद और विश्वास के साथ कतार में लग कर दूध ग्रहण कर रहे हैं.