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NRC पर बयानबाजी करने पर ममता बनर्जी के खिलाफ FIR दर्ज

असम पुलिस ने राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) से संबंधित टिप्पणी को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है. ममता बनर्जी ने बयान दिया था कि मोदी सरकार असम से बंगालियों को बाहर निकालने की साजिश के तहत एनआरसी को अपडेशन कर रही है.

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी
राम कृष्ण
  • गुवाहाटी/कोलकाता,
  • 05 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 7:18 AM IST

असम पुलिस ने राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) से संबंधित बयानबाजी को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है. दरअसल, ममता बनर्जी ने टिप्पणी की थी कि मोदी सरकार असम से बंगालियों को बाहर निकालने की साजिश के तहत एनआरसी को अपडेशन कर रही है.

वहीं, असम पुलिस द्वारा प्राथमिकी दर्ज करने के बाद ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस पार्टी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि ऐसी कोई कार्रवाई उन्हें बंगालियों के हितों की लड़ाई लड़ने से नहीं रोक पाएगी. उधर, दूसरी तरफ बीजेपी ने ममता बनर्जी पर राजनीतिक फायदे के लिए इसको मुद्दा बनाने की कोशिश करने का आरोप लगाया.

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बीजेपी ने ममता बनर्जी की तीखी निंदा की

असम की बीजेपी सरकार ने ममता बनर्जी के बयान की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि यह बेहद अपमानजनक है. यह असम के लोगों का अपमान है और संविधान व सुप्रीम कोर्ट की भावना के खिलाफ है. तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी के बयान की आलोचना करते हुए कई संगठनों ने समूचे असम में प्रदर्शन भी किया. कुछ स्थानों पर बनर्जी के पुतले भी फूंके गए.

31 दिसंबर को प्रकाशित हुआ NRC का पहला मसौदा

बुधवार को पश्चिम बंगाल के अहमदपुर में एक सभा को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने बीजेपी की अगुवाई वाली राजग सरकार पर राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के पहले मसौदे में बंगालियों के नाम हटाकर उन्हें असम से बाहर करने की साजिश रचने का आरोप लगाया था. इस मसौदे का पहला प्रकाशन 31 दिसंबर 2017 को किया गया.

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पुलिस करेगी ममता बनर्जी के बयान की जांच

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा था, ''मैं केंद्र की बीजेपी सरकार को आग से नहीं खेलने की चेतावनी देती हूं...यह करीब 1.80 करोड़ लोगों को राज्य से खदेड़ने की केंद्र सरकार की साजिश है.'' गुवाहाटी पुलिस के उपायुक्त (मध्य) रंजन भुइयां ने समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा को बताया कि लतासिल थाने को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के एक कथित भाषण के संदर्भ में शिकायत मिली है. हमने शिकायत दर्ज कर ली है और नियमों के अनुरूप जांच करेंगे.

इस धारा के तहत दर्ज की गई FIR

रंजन भुइयां ने बताया कि गुवाहाटी उच्च न्यायालय के अधिवक्ता तैलेंद्र नाथ दास ने ममता बनर्जी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है और पुलिस ने आईपीसी की धारा 153 (A) के तहत प्राथमिकी दर्ज कर ली है. आईपीसी की यह धारा धर्म, नस्ल, जन्मस्थान, निवास और भाषा के नाम पर लोगों के बीच शत्रुता पैदा करने और सौहार्द्र बिगाड़ने की कोशिश से संबंधित है.

ममता पर SC की अवमानना का भी लगाया आरोप

तैलेंद्र नाथ दास ने ममता बनर्जी पर उच्चतम न्यायालय की अवमानना का भी आरोप लगाया है, क्योंकि एनआरसी का काम उच्चतम न्यायालय की प्रत्यक्ष निगरानी में हो रहा है. एक और शिकायत शहर के दिसपुर पुलिस थाना में कृषक श्रमिक उन्नयन परिषद् प्रमुख प्रमोद कलीता ने दर्ज कराई. उन्होंने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने अपने भाषण के जरिए लोगों के बीच दुश्मनी फैला रही हैं.

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मुसलमानों की लड़ाई लड़ने से नहीं रोक सकती बीजेपीः तृणमूल

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ FIR दर्ज करने पर तृणमूल कांग्रेस ने असम पुलिस पर पलटवार किया. पार्टी ने कहा कि ऐसी कार्रवाई उन्हें बंगालियों के हित की लड़ाई लड़ने से नहीं रोक पाएगी. तृणमूल कांग्रेस महासचिव पार्था चटर्जी ने कहा कि अगर बीजेपी और असम सरकार को लगता है कि वे पार्टी और ममता को मुसलमानों के हितों की लड़ाई लड़ने से रोक सकते हैं, तो वे पूरी तरह से भ्रम में हैं. उन्होंने कहा कि हम असम से बंगालियों को खदेड़ने की ऐसी तरकीबें देख चुके हैं. अगर बंगाली खतरे में होंगे तो ममता बनर्जी और तृणमूल चुप नहीं बैठेगी.

बंगाल को जिहादियों की पनाहगाह बना रही तृणमूल कांग्रेसः BJP

पश्चिम बंगाल बीजेपी ने भी ममता बनर्जी के बयान की आलोचना करते हुए कहा कि तृणमूल कांग्रेस निहित राजनीतिक स्वार्थ के लिए बेबुनियादी बात को मुद्दा बनाने की कोशिश कर रही है. पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व पर पश्चिम बंगाल को जिहादियों की पनाहगाह बनाने का भी आरोप लगाया. राज्य बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि उनके आरोप पूरी तरह बेबुनियाद हैं.

असम कांग्रेस ने गड़बड़ी का लगाया आरोप

असम कांग्रेस ने आरोप लगाया कि राज्य के 13 जिलो में कुछ खास हिस्सों में 90 फीसद धार्मिक और भाषाई अल्पसंख्यकों को राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर के पहले मसौदे से बाहर कर दिया गया. उसने इसकी जांच की मांग की. असम कांग्रेस अध्यक्ष रिपुन बोरा ने आरोप लगाया कि 13 जिलों में 208 एनआरसी सेवा केंद्रों पर सत्यापन सही ढंग से नहीं किया गया, जिससे उन क्षेत्रों के सिर्फ 10 फीसद लोगों के नाम एनआरसी में आए हैं. ये जिले दर्रांग, मोरीगांव, नागांव, ग्वालपारा, ढुबरी, कछार, कैमज्ञाज, हैलाकांडी, कोकराझार, बारपेटा, मनकच्छार, नालारी और बोगांईगांव हैं.

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