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गुजरात दंगों पर स्कूली किताब में चैप्टर, 3 लेखकों के खिलाफ FIR

गुजरात में 2002 में दंगे हुए थे, जिसे लेकर असम के स्कूलों में पढ़ाई जा रही राजनीति विज्ञान की किताब में दंगों से जुड़ा चैप्टर लिखा गया है. इस चैप्टर में दंगों पर मोदी की खामोशी को लेकर सवाल उठाए गए हैं.

पीएम मोदी पीएम मोदी
जावेद अख़्तर
  • नई दिल्ली,
  • 22 सितंबर 2018,
  • अपडेटेड 4:13 PM IST

असम में स्कूल कोर्स में शामिल किताब में गुजरात दंगों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर लिखी गई टिप्पणी के मामले में पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है. इस मामले में किताब के तीनों लेखक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.

राजनीति विज्ञान की यह किताब 12वीं क्लास के छात्रों को पढ़ाई जाती है, जो असमिया भाषा में लिखी गई है. यह किताब 2011 से चल रही है, जिसकी पृष्ठ संख्या 376 पर लिखा है कि 2002 में जब गुजरात में दंगे हो रहे थे, साबरमती एक्सप्रेस की बोगी को गोधरा स्टेशन पर आग लगा दी गई थी जिसमें 57 लोगों की मौत हुई थी उस वक्त तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी चुप थे.

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यह किताब तीन लोगों ने लिखी है, जिसमें दुर्गा कांता शर्मा, रफीक जमान और मानस प्रोतिम बरुआ शामिल हैं. हालांकि, दुर्गा कांता शर्मा की कुछ साल पहले मौत हो चुकी है.

इस किताब में सीएम मोदी की भूमिका पर लिखे गए चैप्टर के खिलाफ सौमित्रा गोस्वामी और मानव ज्योति बोरा ने एफआईआर दर्ज कराई है. एफआईआर दर्ज कराने वाले लोगों ने आरोप लगाया है कि लेखक और पब्लिशर असम बुक डिपो ने गोधरा दंगों पर झूठी जानकारी देकर छात्रों को गुमराह करने का काम किया है. उन्होंने किताब के सर्कुलेशन पर रोक लगाने की मांग की है.

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