Advertisement

अटल की दमदार वाक्य शैली के विपक्षी भी थे कायल, देखें कुछ चुनिंदा भाषण

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी एक राजनेता होने के साथ ही प्रखर वक्ता भी हैं. उनके दिए गए भाषणों का विपक्ष भी कायल है और हर कोई उनके भाषण को सुनना पसंद करता है. उनके कई ऐसे भाषण हैं, जिन्हें आज भी लोग सुनना पसंद करते हैं.

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (फाइल फोटो) पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (फाइल फोटो)
वरुण शैलेश
  • नई दिल्ली,
  • 16 अगस्त 2018,
  • अपडेटेड 3:31 PM IST

दिल्ली के एम्स में भर्ती पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की तबीयत फिलहाल नाजुक बनी हुई है. पिछले 24 घंटे में उनके स्वास्थ्य में कोई सुधार नहीं हुआ है. गुरुवार सुबह उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू वाजपेयी का हाल जानने पहुंचे. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के अलावा कई जाने माने नेता उनकी सेहत जानने के लिए एम्स पहुंचे थे.

Advertisement

अटल बिहारी वाजपेयी को प्रखर वक्ता माना जाता है. उनकी वाक पटुता की वजह से उनके धुर विरोधी नेता भी उनकी तारीफ किए बिना नहीं रह पाते हैं. उनके कई ऐसे भाषण हैं, जिन्हें आज भी लोग सुनना पसंद करते हैं. संसद में उन्होंने कई यादगार भाषण दिए जिसे आजतक ने संग्रहित किया है, जिसे यहां सुना जा सकता है.

विदेश में हिंदी भाषणों के जनक हैं अटल

बता दें कि साल 1977 में संयुक्त राष्ट्र में हिंदी में दिया गया वाजपेयी का भाषण प्रमुख माना जाता है. 1977 में अटल बिहारी वाजपेयी, प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई की सरकार में विदेश मंत्री थे और वो दो साल तक मंत्री रहे थे. उस दौरान उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में हिंदी में भाषण दिया था, जो उनके यादगार भाषणों में से एक है. यह भाषण बेहद लोकप्रिय हुआ और पहली बार यूएन जैसे अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भारत की राजभाषा गूंजी.

Advertisement

कहा जाता है कि यह पहला मौका था जब यूएन जैसे बड़े अतंराष्ट्रीय मंच पर भारत की गूंज सुनने को मिली थी. अटल बिहारी वाजपेयी का यह भाषण यूएन में आए सभी प्रतिनिधियों को इतना पसंद आया कि उन्होंने खड़े होकर अटल जी के लिए तालियां बजाई. इस दौरान उन्होंने वसुधैव कुटुम्बकम का संदेश देते हुए अपने भाषण में उन्होंने मूलभूत मानव अधिकारों के साथ-साथ रंगभेद जैसे गंभीर मुद्दों का जिक्र किया था. उसके बाद भी उन्होंने विदेशी मंचों पर कई भाषण दिए जो काफी लोकप्रिय हुए.

इस दौरान उन्होंने भाषण में कहा था, 'मैं भारत की ओर से इस महासभा को आश्वासन देना चाहता हूं कि हम एक विश्व के आदर्शों की प्राप्ति और मानव कल्याण तथा उसके गौरव के लिए त्याग और बलिदान की बेला में कभी पीछे नहीं रहेंगे.'

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement