
अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले मामले में एक और आरोपी कारोबारी राजीव सक्सेना को दिल्ली की एक अदालत ने पटियाला हाउस कोर्ट ने चार दिन की ईडी की हिरासत में भेज दिया है. राजीव सक्सेना और दीपक तलवार को संयुक्त अरब अमीरात के दुबई में पकड़ा गया था. इसके बाद उन्हें प्रत्यर्पित कर भारत लाया गया. प्रवर्तन निदेशालय ने भारत आते ही उन्हें हिरासत में ले लिया था. गुरुवार को उन्हें अदालत में पेश किया गया था. इस मामले में गिरफ्तार क्रिश्चयन मिशेल के बाद इस तरह की यह दूसरी कार्रवाई है.
पिछले साल दिसंबर में संयुक्त अरब अमीरात की सरकार ने प्रत्यर्पण के जरिए ब्रिटिश नागरिक क्रिश्चियन मिशेल को भारत को सौंपा था. क्रिश्चियन मिशेल ने 3,600 करोड़ रुपए के VVIP चॉपर डील में बिचौलिये की भूमिका निभाई थी. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दिसंबर में दुबई के कारोबारी राजीव सक्सेना की जमानत याचिका के जवाब में कोर्ट में उन्हें भारत लाए जाने के बारे में की गई अपील को लेकर सूचित किया था क्योंकि बार-बार समन के बावजूद राजीव सक्सेना इस केस में पूछताछ के लिए उपस्थित नहीं हुए. बता दें कि बार-बार समन दिए जाने के बावजूद पूछताछ में नहीं शामिल होने पर पिछले साल 6 अक्टूबर को कोर्ट ने राजीव सक्सेना के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था. राजीव सक्सेना का नाम उस चार्जशीट में है, जो उनकी पत्नी शिवानी के खिलाफ दायर किया गया था. अभी वह जमानत पर हैं.
राजीव सक्सेना को प्राइवेट विमान से दुबई एयरपोर्ट से लाया गया. जब वकीलों ने यूएई प्रशासन से यह जानना चाहा कि क्या मामला है और क्या हुआ है तो कहा गया कि वह विमान में हैं जिसे रोका नहीं जा सकता है. इस मामले में उनसे और ज्यादा जानने की कोशिश की गई तो उन्होंने कहा, आप भारत सरकार से पूछें. वकीलों ने आरोप लगाया कि यह गैर कानूनी प्रत्यर्पण है और किसी कानूनी प्रक्रिया को पूरा नहीं किया गया है. जबकि क्रिश्चियन मिशेल के समय पूरी प्रक्रिया का पालन किया गया था.
कौन हैं राजीव सक्सेना
राजीव सक्सेना और उनकी पत्नी शिवानी अगस्ता वेस्टलैंड केस में आरोपी हैं. दोनों दुबई की कंपनी यूएचवाई सक्सेना एंड मैट्रिक्स होल्डिंग्स के निदेशक हैं. प्रवासी भारतीय राजीव सक्सेना मॉरीशस की एक कंपनी इंटरसेलर टेक्नोलॉजिज लिमिटेड के निदेशक और शेयरहोल्डर हैं. आरोप है कि इस कंपनी का चॉपर डील में लांड्रिंग करने में इस्तेमाल किया गया. जांच एजेंसियों के मुताबिक राजीव सक्सेना पेशे से वकील गौतम खेतान के करीबी हैं. खेतान अभी ईडी की कस्टडी में हैं.
मनी लॉन्ड्रिंग में गिरफ्तार तलवार को 7 दिन की हिरासत
दिल्ली की एक अदालत ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार कथित लॉबिस्ट दीपक तलवार को गुरुवार को सात दिन के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में भेज दिया. तलवार को इससे पहले ईडी ने विशेष जज एस.एस. मान की अदालत में पेश किया. ईडी ने पूछताछ के लिए तलवार की 14 दिन की हिरासत मांगी थी.
दुबई में अधिकारियों ने बुधवार की सुबह तलवार को पकड़ा और दुबई में रहने वाले कारोबारी राजीव सक्सेना के साथ बीती शाम भारत भेज दिया. कॉरपोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) के तहत विदेशी फंडिंग के जरिए ली गई 90 करोड़ रुपए से अधिक की रकम के गलत इस्तेमाल के मामले में ईडी और सीबीआई की ओर से दर्ज केस में तलवार की तलाश थी. तलवार पर यूरोप की मिसाइल निर्माता कंपनी से अपने एनजीओ की ओर से प्राप्त किए गए 90.72 करोड़ रुपए किसी और मद में खर्च कर देने, आपराधिक साजिश और फर्जीवाड़े के आरोप लगे हैं. उसके एनजीओ को एंबुलेंस और अन्य सामान खरीदने के लिए 90.72 करोड़ रुपए दिए गए थे.
पिछली यूपीए सरकार के शासनकाल में हुए कुछ उड्डयन करारों में तलवार की भूमिका भी जांच के दायरे में है. ईडी और सीबीआई ने भ्रष्टाचार के आपराधिक मामलों में तलवार के खिलाफ मामले दर्ज कर रखे हैं. आयकर विभाग ने भी उस पर कर चोरी के आरोप लगाए हैं. (भाषा)