
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऑटो सेक्टर में मंदी के लिए ओला-उबर को जिम्मेदार ठहराया था. वित्त मंत्री के बयान पर केंद्रीय परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से जब सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि झगड़ा करवाना है क्या. दरअसल, नितिन गडकरी से पत्रकारों ने निर्मला सीतारमण के बयान पर सवाल पूछा था.
जवाब में नितिन गडकरी ने कहा कि मैं समझता हूं कि आपने जो सवाल मुझसे पूछा है वह विवाद खड़ा करने के लिए तो नहीं पूछा. अगर आप झगड़ा लगाने के लिए ऐसा कर रहे हैं तो ऐसा मत करिएगा.
उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री के बयान का गलत मतलब निकाला गया. बता दें कि ऑटो सेक्टर में मंदी की वजह से देश के वाहन उद्योग को पिछले 21 सालों में सबसे कम बिक्री का सामना करना पड़ रहा है. इसपर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को सफाई देते हुए कहा कि मिलेनियल्स आजकल गाड़ी खरीदने की जगह ओला-उबर को तवज्जो दे रहे हैं.
गडकरी ने बताए ये कारण
वहीं नितिन गडकरी ने कहा कि मंदी के कई कारण होते हैं. ई-रिक्शा के आने से ऑटो रिक्शा के बिजनेस में कमी आई. फिर ऑटो रिक्शा से पब्लिक ट्रांसपोर्ट में सुधार हुआ है तो उससे ई-रिक्शा में कमी आ सकती है. चीन मे 60 लाख बसें हैं और हमारे देश में 10-11 लाख ही बसे हैं.
उन्होंने कहा कि हम पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम में सुधार कर रहे हैं. नई तकनीक आती है तो उसके परिणाम होते ही हैं. एक समय में धोती पहनने वालों की संख्या ज्यादा थी तो धोती पहनने वालों का मार्केट था, फिर फुल पैंट-शर्ट आया तो जाहिर तौर पर धोती का मार्केट कम हुआ. धोती वालों ने लूंगी का मार्केट शुरू किया. वित्त मंत्री ने भी कई कारण बताए थे, उस पर विवाद उचित नहीं है.