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अयोध्या: याचिकाएं खारिज होने पर इकबाल अंसारी बोले- चुनौती देने की नहीं थी जरूरत

अयोध्या केस में मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी ने आजतक से खास बातचीत के दौरान कहा कि मैं सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत करता हूं कि उन्होंने सारी पुनर्विचार याचिकाएं खारिज कर दीं. अब 9 नवंबर के फैसले को चुनौती देने की कोई जरूरत नहीं थी.

अयोध्या मामले के मुख्य पक्षकार इकबाल अंसारी (फाइल फोटो) अयोध्या मामले के मुख्य पक्षकार इकबाल अंसारी (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 12 दिसंबर 2019,
  • अपडेटेड 11:24 PM IST

  • अयोध्या केस में सारी पुनर्विचार याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में खारिज
  • दिनेश शर्मा बोले- कल से ही शुरू होना चाहिए मंदिर निर्माण

अयोध्या में राम मंदिर विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए कुल 18 पुनर्विचार याचिकाएं डाली गई थीं. बंद चैंबर में पांच जजों की संवैधानिक बेंच ने 18 अर्जियों पर सुनवाई की और सभी याचिकाएं खारिज कर दी गईं. बता दें कि इस मामले में 9 याचिकाएं पक्षकार की ओर से, जबकि 9 अन्य याचिकाकर्ता की ओर से लगाई गई थी.

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इकबाल अंसारी बोले- फैसले को चुनौती देने की कोई जरूरत नहीं थी

अयोध्या केस में मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी ने आजतक से खास बातचीत के दौरान कहा कि मैं सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत करता हूं कि उन्होंने सारी पुनर्विचार याचिकाएं खारिज कर दीं. अब 9 नवंबर के फैसले को चुनौती देने की कोई जरूरत नहीं थी. दशकों बाद इस मामले में फैसला आया था और पूरा देश खुश है.

उन्होंने आगे कहा कि अब सरकार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पालन करना चाहिए और आदेश के अनुसार कदम उठाना चाहिए. इस दौरान अंसारी ने यह भी कहा कि पिछले महीने आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद हिंदू महासभा द्वारा दायर याचिका का भी कोई मतलब नहीं था.

यूपी के उपमुख्यमंत्री बोले- मैं चाहता हूं कल से मंदिर निर्माण शुरू हो

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अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन खारिज होने पर उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने आजतक से बातचीत की. दिनेश शर्मा ने कहा कि कुछ लोगों की साजिश थी इस मामले में जो जबरदस्ती इस मामले को बढ़ा रहे थे. कपिल सिब्बल जैसे लोग राजनीतिक फायदे के लिए इस मामले में पैरवी कर रहे थे. हिंदू-मुसलमान नहीं चाहता कि कोई विवाद हो. उपमुख्यमंत्री ने आगे कहा कि सरकार का जहां भी रोल होगा वो पूरी तरह से सहयोग करेगी. मैं तो चाहता हूं कि कल ही से मंदिर निर्माण शुरू हो जाए.

जफरयाब जिलानी बोले- यह दुर्भाग्यपूर्ण है

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के वकील जफरयाब जिलानी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सुप्रीम कोर्ट ने हमारी पुनर्विचार याचिकाओं को स्वीकार नहीं किया. फिलहाल हम यह नहीं कह सकते कि हमारा अगला कदम क्या होगा. हम अपने वरिष्ठ वकील राजीव धवन से इस पर सलाह लेंगे.

वीएचपी बोली- स्वागत योग्य कदम

विश्व हिंदू परिषद ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर अपनी खुशी जाहिर करते हुए ट्वीट किया है. ट्विटर पर वीएचपी के आधिकारक ट्विटर हैंडल से किए गए ट्वीट में लिखा है, "माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अयोध्या मामले की सभी पुनर्विचार याचिकाएं खारिज किया जाना स्वागत योग्य कदम है. अब सभी पक्षों को निर्णय स्वीकारना चाहिए. भारत सरकार अविलम्ब ट्रष्ट का गठन कर भगवान श्रीराम की जन्मभूमि पर भव्य मन्दिर का मार्ग प्रशस्त करे".

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