Advertisement

कोर्ट के फैसले के बाद अब राम मंदिर ट्रस्ट का इंतजार, सोमनाथ की तर्ज पर हो सकता है गठन

ट्रस्ट का काम तेज गति से हो और कार्यशैली बेहतर रखने के लिए केंद्र और राज्य सरकार के नुमाइंदे भी इसमें शामिल हो सकते हैं. प्रधानमंत्री मोदी खुद राम मंदिर से जुड़ी प्रगति पर नजर रख पाएं, इसके लिए प्रधानमंत्री कार्यालय से भी किसी को सदस्य बनाया जा सकता है.

अयोध्या में प्रस्तावित राम मंदिर का मॉडल (फाइल फोटो) अयोध्या में प्रस्तावित राम मंदिर का मॉडल (फाइल फोटो)
मौसमी सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 10 नवंबर 2019,
  • अपडेटेड 10:31 AM IST

  • ट्रस्ट के सदस्य के चयन और मंजूरी में प्रधानमंत्री मोदी की भूमिका भी अहम हो सकती है
  • इसमें राम जन्मभूमि न्यास, निर्मोही अखाड़ा के सदस्य और धर्मगुरु शामिल किए जा सकते हैं

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार अब सरकार को 3 महीने के भीतर ही राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट बनाना होगा. सूत्रों की मानें तो यह संभव है कि गुजरात के सोमनाथ मंदिर ट्रस्ट की तर्ज पर ही अयोध्या का राम मंदिर ट्रस्ट बनाया जाए. हालांकि यह संभव है कि सरकार एक हफ्ते में ही ट्रस्ट का गठन कर दे. सोमनाथ मंदिर ट्रस्ट में केवल 6 सदस्य हैं मगर सरकार अयोध्या मंदिर ट्रस्ट के सदस्यों की संख्या और ज्यादा कर सकती है.

Advertisement

सूत्रों के मुताबिक, ट्रस्ट के सदस्य के चयन और मंजूरी में प्रधानमंत्री की भूमिका भी अहम हो सकती है. ट्रस्ट में जहां राम जन्मभूमि न्यास, निर्मोही अखाड़ा के अलावा कुछ बड़े धर्मगुरु शामिल किए जा सकते हैं, वहीं दूसरी ओर समाज के कुछ वरिष्ठ नागरिक, राम मंदिर से जुड़े संगठनों को भी इसमें जोड़ा जा सकता है.

यही नहीं ट्रस्ट का काम तेज गति से हो और कार्यशैली कुशल रखने के लिए केंद्र और राज्य सरकार के नुमाइंदे भी इसमें शामिल हो सकते हैं. प्रधानमंत्री मोदी खुद राम मंदिर से जुड़ी प्रगति पर नजर रख पाएं, इसके लिए प्रधानमंत्री कार्यालय से भी किसी को सदस्य बनाया जा सकता है. हालांकि ट्रस्ट बनाने के लिए यह जरूरी है कि उसका कार्यक्षेत्र तय किया जाए और उसके हर सदस्य की जिम्मेदारी भी तय हो.

Advertisement

बता दें, अयोध्या विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट में 40 दिनों तक लगातार चली सुनवाई के बाद शनिवार को फैसला आया. फैसले में कहा गया कि राम मंदिर विवादित स्थल पर बनेगा और मस्जिद निर्माण के लिए अयोध्या में पांच एकड़ जमीन अलग से दी जाएगी. अदालत ने कहा कि विवादित 2.77 एकड़ जमीन केंद्र सरकार के अधीन रहेगी. केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार को मंदिर बनाने के लिए तीन महीने में एक ट्रस्ट बनाने का निर्देश दिया गया है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement