
राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट से जल्द सुनवाई की अपील की गई. इस मामले के पक्षकारों में से एक गोपाल सिंह ने अपनी याचिका में दावा किया कि मध्यस्थता से विवाद का समाधान होता नहीं दिख रहा है. मध्यस्थता का दौर भी ठप हो गया. ऐसे में इस मामले की जल्द सुनवाई हो. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम मामले को देखेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर गौर करने की बात कही है.
अयोध्या में राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद को सुलझाने के लिए सुप्रीम कोर्ट हिंदू और मुस्लिम दोनों पक्षों से कह चुका है कि अगर संभव हो सके तो मामले को मध्यस्थता से ही सुलझाया जाए.
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच जजों की संवैधानिक बेंच ने कहा कि हम अयोध्या जमीन विवाद और इसके प्रभाव को गंभीरता से समझते हैं और जल्दी फैसला सुनाना चाहते हैं. अगर पार्टियां मध्यस्थों का नाम सुझाना चाहती हैं तो दे सकती हैं. हालांकि हिंदू महासभा मध्यस्थता के खिलाफ है. जबकि निर्मोही अखाड़ा और मुस्लिम पक्ष मध्यस्थता के लिए राजी है. मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट में कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ही तय करे कि बातचीत कैसे हो?