
अयोध्या राम मंदिर-बाबरी मस्जिद की जमीन के मालिकाना हक को लेकर चल रहे विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की तारीख और पांच जजों की बेंच तय कर दी है. इस मामले की सुनवाई 26 फरवरी को होगी, जिसे चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एसए बोवडे, जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस अब्दुल नजीर की बेंच सुनेगी.
बता दें कि अयोध्या के विवादित भूमि की सुनवाई 29 जनवरी को होनी थी, लेकिन जस्टिस एसए बोबडे की गैर-मौजूदगी की वजह से सुप्रीम कोर्ट ने टाल दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सुनवाई की अगली तारीख बाद में तय की जाएगी. अब कोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख 26 फरवरी तय कर दी है.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या की 2.77 एकड़ भूमि विवाद से संबंधित मामले में 14 अपीलें दायर की गई है. यह सभी अपील 30 सितंबर, 2010 को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई है.
दरअसल हाईकोर्ट ने 2010 में विवादित भूमि को सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला विराजमान के बीच बराबर-बराबर बांटने का आदेश दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में मई, 2011 को स्टे का ऑर्डर दिया था.
इसके बाद पिछले दिनों मामले की सुनवाई के लिए पांच जजों की बेंच का गठन किया गया था. इस बेंच में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के अलावा जज जस्टिस एसए बोवडे, जस्टिस एनवी रमन्ना, जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ शामिल थे. लेकिन बेंच में शामिल जस्टिस यूयू ललित को लेकर कई सवाल खड़े हो गए थे. इसके बाद यूयू ललित ने खुद को इस मामले से अलग कर लिया था. इसी के बाद उनकी जगह जस्टिस अब्दुल नजीर को बेंच में शामिल किया गया था.