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अयोध्या: मामले से जुड़े लोग ही जा सकेंगे SC, जूनियर वकीलों की भी नो एंट्री

दशकों से चले आ रहे अयोध्या मामले पर फैसला आ चुका है. सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों वाली संवैधानिक पीठ इस मामले पर 10.30 बजे फैसला सुना दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने विवादित भूमि रामलला विराजमान को दे दी है. वहीं सुन्नी वक्फ बोर्ड को अयोध्या में ही पांच एकड़ भूमि देने का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिया है.

सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या पर फैसला सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या पर फैसला
aajtak.in/अनीषा माथुर
  • नई दिल्ली,
  • 09 नवंबर 2019,
  • अपडेटेड 12:48 PM IST

  • अयोध्या मामले पर आज सुप्रीम कोर्ट ने दिया फैसला
  • सुप्रीम कोर्ट में आज हर किसी को एंट्री नहीं दी गई

दशकों से चले आ रहे अयोध्या मामले पर फैसला आ चुका है. सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों वाली संवैधानिक पीठ इस मामले पर 10.30 बजे फैसला सुना दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने विवादित भूमि रामलला विराजमान को दे दी है. वहीं सुन्नी वक्फ बोर्ड को अयोध्या में ही पांच एकड़ भूमि देने का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिया है.

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वहीं फैसले से पहले सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए. इसे देखते हुए सुप्रीम कोर्ट में आज हर किसी को एंट्री नहीं दी गई. वादियों और जूनियर वकीलों को एक दिन का एंट्री पास जारी नहीं किया गया. जिन वादियों का नाम वाद-सूची में है, सिर्फ उन्हें ही एंट्री दी गई. जिन वकीलों के पास सुप्रीम कोर्ट बार असोसिएशन का एंट्री कार्ड है, उन्हें अंदर जाने की अनुमति मिली.

अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 4 सूट पर फैसला सुनाया. सूट नंबर 1 गोपाल सिंह विशारद से जुड़ा था. दूसरा निर्मोही अखाड़ा, तीसरा सुन्नी वक्फ बोर्ड और चौथा सूट रामलला विराजमान से जुड़ा था. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने अयोध्या केस में 40 दिनों तक लगातार सुनवाई की. यह सुनवाई 6 अगस्त से शुरू हुई थी, जिसके बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.

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फैसले से पहले रामनगरी अयोध्या में सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतजाम किए गए. उत्तर प्रदेश पुलिस के एडीजी आशुतोष पांडे ने कहा कि पैरामिलिट्री फोर्स की 60 कंपनियां, आरपीएफ और पीएसी और 1200 पुलिस कॉन्स्टेबल, 250 सब-इंस्पेक्टर्स, 20 डिप्टी सुप्रीटेंडेंट और 2 एसपी की तैनाती की गई है. डबल लेयर बैरिकेडिंग, पब्लिक अड्रेस सिस्टम लगाया गया है. साथ ही 35 सीटीटीवी और 10 ड्रोन कैमरों के जरिए निगरानी रखी जा रही है. लोगों के रामलला के दर्शनों पर कोई पाबंदी नहीं है. सभी मार्केट खुले हैं और स्थिति पूरी तरह सामान्य है.

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उत्तर प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह ने लोगों को सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने को लेकर चेतावनी दी है. डीजीपी मुख्यालय पर सोशल मीडिया मॉनिटरिंग टीम बनाई गई है. इसकी अगुवाई साइबर क्राइम के आईजी अशोक कुमार सिंह कर रहे हैं.

इस टीम की जिम्मेदारी सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वालों को चिन्हित करना है. वहीं, प्रशासन ने हिदायत दी है कि सोशल मीडिया पर भड़काऊ बयान और पोस्ट करने वालों के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा. गठित टीम वॉट्सऐप ग्रुप के एडमिन पर खास नजर बनाए हुए है. इसके अलावा ट्विटर और फेसबुक की भी मॉनिटरिंग की जा रही है. बीते 15- 20 दिनों में सोशल मीडिया पर उन्माद फैलाने के आरोप में 72 लोगों को जेल भेजा जा चुका है.

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