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EVM पर खर्च करने वाले चुनाव सुधार पर पैसा क्यों नहीं लगातेः ममता बनर्जी

इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों पर उठ रहे सवालों की बात करते हुए ममता ने कहा कि वैक्यूम मशीनों... ईवीएम पर 5 हजार करोड़ खर्च किए जा रहे हैं. लेकिन चुनाव सुधार पर पैसे क्यों नहीं खर्च किए जा रहे हैं. क्या लोग ईवीएम पर सवाल नहीं उठा रहे हैं.

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (फाइल) पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (फाइल)
नंदलाल शर्मा
  • कोलकाता ,
  • 06 दिसंबर 2017,
  • अपडेटेड 2:42 PM IST

बाबरी विध्वंस की बरसी पर कोलकाता में एक जनसभा को संबोधित करते हुए तृणमूल कांग्रेस की नेता ममता बनर्जी ने केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला. बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा कि धर्म के नाम पर प्रतिस्पर्धा क्यों हो रही है. 25 साल पहले जो शुरू हुआ था, वो आज भी जारी है. इससे पता चलता है कि केंद्र सरकार का एजेंडा क्या है. कैसे लोगों को बांटा जा सकता है.

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जब लड़ रहे थे हिंदू-मुसलमान, कहां थी लेफ्ट सरकार?

दक्षिणपंथियों के साथ ममता ने वामपंथियों पर भी जमकर हमले किये. कोलकाता में एक रैली को संबोधित करते हुए ममता ने कहा कि 25 साल गुजर गए. हम सबको वो दिन याद है. बंगाल में लेफ्ट की सरकार थी, लेकिन जब हिंदू और मुसलमान लड़ रहे थे, तो कोई सड़क पर नहीं उतरा.

ममता ने कहा कि मैं पूरी रात सड़कों पर थी. ज्योति बसु उस समय राज्य के मुख्यमंत्री थे. मैंने उनसे कहा कि क्या मैं कोई मदद कर सकती हूं? ऐसे मौकों पर हमें राजनीति से ऊपर उठ जाना चाहिए.

'संविधान में लिखा है कि सरकार धर्म की हो...'

उन्होंने कहा, 'लोकतंत्र में, क्या संविधान में यह लिखा है कि सरकार एक धर्म की, धर्म के द्वारा, धर्म के लिए होनी चाहिए.' हमारा संविधान कहता है कि हम एक सेक्युलर देश हैं. ममता ने कहा कि बेंगलुरु से लेकर अन्य शहरों में... पत्रकारों की आवाज दबाई जा रही है. क्योंकि पत्रकारों ने उनका विरोध करने की हिम्मत दिखाई.

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इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों पर उठ रहे सवालों की बात करते हुए ममता ने कहा कि वैक्यूम मशीनों... ईवीएम पर 5 हजार करोड़ खर्च किए जा रहे हैं. लेकिन चुनाव सुधार पर पैसे क्यों नहीं खर्च किए जा रहे हैं. क्या लोग ईवीएम पर सवाल नहीं उठा रहे हैं.

'ये सरकार न किसान की, न उद्योगपतियों की'

उन्होंने कहा कि ये सरकार न तो किसानों के लिए है, न ही उद्योगपतियों के लिए... हजारों लोग पिछले कुछ सालों में देश छोड़कर चले गए. ममता ने कहा कि वे कौन होते हैं फतवा देने वाले कि कौन क्या खाएगा? गुजरात में दलितों को मारा जा रहा है. और अब चुनावों के समय वे दलितों के घर जा रहे हैं. होटल से खाना मंगाकर उनके घर में रोटी खा रहे हैं.

बंगाल में 30 तरह के अल्पसंख्यक

बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा कि वे लोग मुझ पर मुस्लिम तुष्टीकरण का आरोप लगाते हैं, लेकिन हमारे यहां 30 तरह के अल्पसंख्यक लोग रहते हैं. वे लोग इस देश के नागरिक हैं और मुझे इस बात की परवाह नहीं की, मुझ पर क्या आरोप लगाए जा रहे हैं.

नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जिक्र करते हुए ममता ने कहा कि नेताजी का जन्मदिन राष्ट्रीय अवकाश के रूप में क्यों नहीं मनाया जाना चाहिए. ममता ने कहा कि मैं अपनी अंतिम सांस तक हर एक धर्म के लिए लड़ती रहूंगी.

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बिहार से ज्यादा बंगाल में खुश हैं बिहारी

ममता ने कहा कि हमारे यहां हजारों बिहारी रहते हैं... और वे बिहार के मुकाबले बंगाल में बेहतर जीवन जी रहे हैं. यूपी के लोग उत्तर प्रदेश से ज्यादा बंगाल में बढ़िया जिंदगी जी रहे हैं. वहां वे अपने बच्चों का भी बेहतर ख्याल नहीं रख पाते हैं. वे लोग राजनीतिक तौर पर हमारा मुकाबला नहीं कर सकते, तो तिकड़म का सहारा ले रहे हैं.

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