
उत्तर प्रदेश के बलिया में जिला अस्पताल से लापरवाही का मामला सामने आया है. दरअसल, यहां टॉर्च की रोशनी में डॉक्टरों द्वारा मरीज का इलाज किया जा रहा था. किसी ने इसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाल दिया. वीडियो तेजी से वायरल हुआ तो अस्पताल प्रशासन सवालों के घेरे में आ खड़ा हुआ.
वीडियो में देखा गया कि डॉक्टर स्ट्रेचर पर लेटी महिला मरीज का इलाज मोबाइल टॉर्च की रोशनी में कर रहा है. इस दौरान महिला जोर-जोर से चीख रही है, चिल्ला रही है. उधर वीडियो को लेकर जिला अस्पताल के प्रभारी मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डाक्टर आरडी राम का कहना है कि शनिवार को बारिश की वजह से बिजली चली गई थी. अस्पताल में जनरेटर तो है लेकिन उसे चालू करने के लिए बैटरी की जरूरत होती है.
उन्होंने बताया, ''हम बैटरी को जनरेटर के पास इसलिए नहीं रखते क्योंकि उसके चोरी होने का खतरा बना रहता है. इसलिए जब तक बैटरी को जनरेटर तक ले जाया गया, तब तक किसी ने वीडियो बना लिया. जबकि, उसके थोड़ी ही देर बाद जनरेटर को चालू कर दिया गया था. साथ ही उसके थोड़ी देर बाद लाइट भी आ गई थी.''
वहीं, कई मरीजों का कहना है कि यहां बार-बार बिजली कटना आम बात हो गई है और अस्पताल प्रशासन आमतौर पर जनरेटर का इस्तेमाल नहीं करता है.
इससे पहले पिछले साल भी बलिया के जिला अस्पताल से ऐसा ही मामला सामने आया था. यहां मोबाइल और टॉर्च की रोशनी में रोगी का इलाज करते हुए वीडियो वायरल हुआ था. मामले को लेकर तब भी अस्पताल प्रशासन ने गोल मोल जवाब दिए थे. अस्पताल के सीएमएस ने कहा था कि दुर्घटना में घायल एक रोगी इमरजेंसी में पहुंचा था. लेकिन उस वक्त बिजली चली गयी. उन्होंने आगे बताया कि बिजली जाने के बाद दूसरे भवन में स्थित जनरेटर स्टार्ट करने व चेंजर बदलने में कुछ वक्त लगता है. इस दौरान आवश्यक होने के कारण उपचार किया गया. वीडियो में देखा गया कि अस्पताल के कर्मचारी मोबाइल की रोशनी में मरीज को टांका लगा रहे हैं.