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कैशलेस की नीति बनाने वाले आयोग की कैंटीन नहीं कैशलेस

नीति आयोग के दफ्तर में लगी सरकारी कैंटीन कैश लेस नहीं हुई है और यहां सभी पेमेंट कैश में किए जा रहे हैं.

कैशलेस सिस्टम कैशलेस सिस्टम
अशोक सिंघल
  • नई दिल्ली,
  • 28 दिसंबर 2016,
  • अपडेटेड 7:00 PM IST

नोट बंदी के बाद सरकार लगातार डिजिटल पेमेंट और कैशलेस सोसायटी को बढ़ावा देने में लगी है. सरकार का मानना है कि कालेधन और भ्रष्टाचार पर रोक तभी लग सकती है जब लोग डिजिटल लेन-देन की तरफ ज्यादा बढ़ें. डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए नीति आयोग ने मोर्चा संभाला हुआ है.

देश के अलग-अलग हिस्सों में वर्क शॉप करके लोगों को डिजिटल पेमेंट के फायदों के बारे बताया जा रहा है. डिजिटल पेमेंट को प्रोत्साहन देने के लिए कई तरह की घोषणा भी की गई हैं. लेकिन जहां से सरकार की नीतियां बनती और लागू होती है वही जगह अभी कैश लेस नहीं हो पाई है.

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नीति आयोग के दफ्तर में लगी सरकारी कैंटीन कैश लेस नहीं हुई है और यहां सभी पेमेंट कैश में किए जा रहे हैं. हालांकि कैंटीन के मैनेजर हरिराम का दावा है कि एक-दो दिन में डिजिटल पेमेंट के जरिए लेन-देन शुरू की जाएगी. उनका यह भी कहना था कि कुछ पेमेंट चेक के द्वारा आती है.


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