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बजट सत्र में भी पीछे नहीं होगा नोटबंदी का मसला, विपक्ष ने कसी कमर

कांग्रेस ने न सिर्फ नोटबंदी के खिलाफ अपना अभ‍ियान तेज कर दिया है, बल्कि अगले बजट सत्र में इस मसले को जोरदार तरीके से उठाने के लिए वह दूसरे विपक्षी दलों के नेताओं से भी संपर्क कर रही है. सूत्रों के अनुसार इस बार एकजुटता कायम करने के लिए पर्दे के पीछे तमाम कोशिशें जारी हैं.

नोटबंदी का विरोध करते विपक्षी दल नोटबंदी का विरोध करते विपक्षी दल
सुप्रिया भारद्वाज
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  • 13 जनवरी 2017,
  • अपडेटेड 4:04 PM IST

कांग्रेस ने न सिर्फ नोटबंदी के खिलाफ अपना अभ‍ियान तेज कर दिया है, बल्कि अगले बजट सत्र में इस मसले को जोरदार तरीके से उठाने के लिए वह दूसरे विपक्षी दलों के नेताओं से भी संपर्क कर रही है. सूत्रों के अनुसार इस बार एकजुटता कायम करने के लिए पर्दे के पीछे तमाम कोशिशें जारी हैं. गौरतलब है कि इसके पहले जब राहुल गांधी और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने नोटबंदी के मामले में प्रेस कॉन्फ्रेंस किया था, तब विपक्ष विभाजित हो गया था और कांग्रेस के साथ बहुत कम दल ही आए थे.

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लेकिन इस बार एकजुटता बनाए रखने के लिए काफी गहन प्रयास किया जा रहा है और विभिन्न पार्टी के नेता सरकार को घेरने के लिए एक-दूसरे से संपर्क कर रहे हैं. राज्य सभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने इंडिया टुडे कहा, 'नोटबंदी के मसले पर पूरा विपक्ष एकजुट है. हम बजट सत्र में एकजुट होकर इस मसले को उठाएंगे. '

चुनाव और संसद में संतुलन
सूत्रों के अनुसार संसद के बजट सत्र के लिए रणनीति इस तरह से बनाई जा रही है कि हर दल को विधान सभा चुनावों के लिए प्रचार अभ‍ियान में शामिल होने का भी पूरा मौका मिले. राज्य सभा सांसद और CPI के वरिष्ठ नेता डी राजा ने कहा, 'नोटबंदी के विरोध के मसले पर सभी दलों में समन्वय है. चुनााव भी आ गए हैं. चुनाव काफी महत्वपूर्ण है और बहुत से सांसद बजट सत्र में शामिल नहीं हो पाएंगे. इसलिए क्रमिक आधार पर ऐसे समन्वित प्रयास किए जाएंगे ताकि विपक्ष के नेता संसद में भी उपस्थित हों और वे चुनाव प्रचार में भी जाते रहें.' डी राजा ने बताया, 'बजट सत्र के दौरान विभ‍िन्न पार्टियां इस सरकार की उन नीतियों की मुखालफत करने के लिए समन्वित प्रयास करेंगी, जिनकी वजह से अर्थव्यवस्था सुस्त पड़ी है और बेरोजगारी बढ़ी है.'

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बजट में 'राजनीतिक घूस' का होगा विरोध
विपक्षी दल लगातार विरोध प्रदर्शन के लिए पूरी तैयारी कर रहे हैं. विपक्षी नेताओं का कहना है कि बजट में सरकार की घोषणाओं पर वे गहराई से नजर रखेंगे. उन्हें लगता है कि सरकार चुनाव वाले राज्यों को लुभाने के लिए कई लोकलुभावन योजनाएं लेकर आएगी. JDU नेता के सी त्यागी ने कहा, 'केंद्र सरकार ने यदि किसी तरह का 'राजनीतिक घूस' जैसा कुछ देने की (बजट में) कोशि‍श की हम संसद के अंदर और बाहर इसका विरोध करेंगे.'

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