
सुप्रीम कोर्ट के जजों की प्रेस कॉन्फ्रेंस से हुए विवाद के बीच मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने आश्वासन दिया है कि यह मामला जल्द सुलझ जाएगा. रविवार को चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा से बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) के प्रमुख मनन मिश्रा ने मुलाकात की.
मनन मिश्रा ने दीपक मिश्रा से उनके आवास पर मुलाकात के बाद कहा कि चीफ जस्टिस ने सब कुछ सुलझा लेने का भरोसा दिलाया है. बीसीआई सोमवार को दोपहर एक बजे इस मामले में प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगी.
#SpotVisuals Bar Council of India delegation met Justice Sharad Arvind Bobde & Justice Kurian Joseph at their residences in Delhi #SupremeCourt pic.twitter.com/JUn0gj65aK
बीसीआई से पहले सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) ने भी चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के आवास पर जाकर उनसे मुलाकात की थी.
एससीबीए के प्रमुख विकास सिंह की उनसे करीब एक घंटा लंबी मुलाकात हुई. उन्होंने दीपक मिश्रा के आवास से बाहर आने के बाद कहा कि उन्होंने चीफ जस्टिस को एक ज्ञापन सौंपा है. विकास सिंह ने कहा कि चीफ जस्टिस ने जल्द ही सब कुछ ठीक हो जाने का भरोसा दिलाया है.
रविवार को ही ऑल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट बार एसोसिएशन ऑफ दिल्ली की कोऑर्डिनेशन कमेटी ने भी अपनी बात सामने रखी थी. इस कमेटी का कहना था कि चीफ जस्टिस को इस मामले को सुलझा लेना चाहिए था और चारों वरिष्ठ जजों की परेशानी को दूर करना चाहिए था. कमेटी ने चीफ जस्टिस समेत सभी जजों से अपील की है कि इस मामले को जल्द सुलझा लें.
इससे पहले के घटनाक्रम में रविवार को ही सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज और प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के पूर्व चेयरमैन जस्टिस पीबी सावंत के साथ हाईकोर्ट के कई पूर्व न्यायाधीशों ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया दीपक मिश्रा के नाम खुला पत्र लिखा था.
इस पत्र में सबने सुप्रीम कोर्ट के चार नाराज न्यायाधीशों का समर्थन किया था. उन्होंने लिखा था कि बेंच बनाने और सुनवाई के लिए मुकदमों का बंटवारा करने के मुख्य न्यायाधीश के विशेषाधिकार को और ज्यादा पारदर्शी और नियमित करने की जरूरत है.
पूर्व जजों का कहना था कि हाल के महीनों में मुख्य न्यायाधीश अहम मुकदमों को वरिष्ठ जजों की बेंच को भेजने की बजाय अपने चहेते कनिष्ठ जजों को भेजते रहे हैं. बेंच बनाने, खासकर संविधान पीठ का गठन करने में भी वरिष्ठ जजों की उपेक्षा की जाती रही है.
इस पत्र पर जस्टिस पीबी सावंत के अलावा दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस ए.पी शाह, मद्रास हाईकोर्ट के पूर्व जस्टिस के. चन्द्रू और बॉम्बे हाईकोर्ट के पूर्व जस्टिस एच. सुरेश के हस्ताक्षर हैं.
बता दें कि दो दिन पहले सुप्रीम कोर्ट के 4 सिटिंग जजों जस्टिस चेलमेश्वर, जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन लोकुर और जस्टिस कुरियन जोसेफ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि सुप्रीम कोर्ट का प्रशासन ठीक तरीके से काम नहीं कर रहा है, अगर ऐसा चलता रहा तो लोकतांत्रिक परिस्थिति ठीक नहीं रहेगी. उन्होंने कहा कि हमने इस मुद्दे पर चीफ जस्टिस से बात की, लेकिन उन्होंने हमारी बात नहीं सुनी.