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पीएम मोदी के राष्ट्र के नाम संबोधन से पहले कांग्रेस ने सामने रखी ये 7 मांगें

कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने आजतक से इस बाबत बातचीत में कहा, 'नोटबंदी की वजह से देश और देशवासियों को हुए भारी नुकसान की भरपाई के लिए प्रधानमंत्री को अब बड़े राहत पैकेज का ऐलान करना चाहिए.'

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला
सुप्रिया भारद्वाज
  • नई दिल्ली,
  • 30 दिसंबर 2016,
  • अपडेटेड 3:01 PM IST

नए साल से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्र के नाम संबोधन में कुछ बड़े ऐलान की उम्मीदों के बीच केंद्र की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने प्रधानमंत्री के सामने अपनी मांगों की फेहरिस्त रखी है. कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने आजतक से इस बाबत बातचीत में कहा, 'नोटबंदी की वजह से देश और देशवासियों को हुए भारी नुकसान की भरपाई के लिए प्रधानमंत्री को अब बड़े राहत पैकेज का ऐलान करना चाहिए.'

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हालांकि सुरजेवाला इसके साथ ही कहते हैं कि नोटबंदी से अर्थव्यवस्था को इतना बड़ा नुकसान हुआ है कि बेशक उसकी कोई भी पूरी भरपाई नहीं कर सकता, लेकिन प्रधानमंत्री को नोटबंदी की मार झेल रहे किसानों, छोटे दुकानकारों व कारोबारियों और गृहणियों को राहत देनी चाहिए.

कांग्रेस प्रवक्ता सुरजेवाला ने कहा, पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने पीएम मोदी के सामने ये मांगे रखी हैं. यह कांग्रेस पार्टी की मांगें नहीं, बल्कि लोगों की मांगे और उम्मीदें हैं, इसलिए इसे राहुल गांधी की मांग बताकर खारिज नहीं करें.

कांग्रेस ने पीएम मोदी के सामने रखी ये प्रमुख मांगें
1. अब बैंकों और एटीएम से पैसे निकालने की सीमा खत्म की जानी चाहिए, ताकि लोग अपने पैसे जरूरत के हिसाब से निकाल सकें.
2. देश के 53 करोड़ खाता धारियों के पैसे जो बैंकों में जबरन जमा कराए गए, उन पर 18% ब्याज बतौर मुआवजा दिया जाए.
3. नोटबंदी की मार झेल रहे किसानों को रबी की फसल पर 20% बोनस दें.
4. मनरेगा के तहत ग्रामीणों के लिए काम के दिन और भत्ते बढ़ाए जाएं.
5. नोटबंदी के कारण नौकरी गंवाने वाले 25 लाख कामगारों को 31 मार्च, 2017 तक न्यूनतम मजदूरी के 20% के बराबर भत्ता दिया जाए.
6. छोटे कारोबारियों और दुकानदारों को बिक्री कर और आयकर में 50% की छूट दी जाए.
7. नोटबंदी से सबसे ज्यादा प्रभावित गरीबी रेखा के नीचे गुजर-बसर करने वाली महिलाओं को राहत पैकेज के तौर पर 25,000 रुपये दिए जाए.

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इन मागों के साथ ही रणदीप सुरजेवाला नोटबंदी को बेहद बड़ी भूल करार देते हैं और कहते हैं, 'नोटबंदी के बाद इन 50 दिनों ने साबित कर दिया कि पीएम के हाथ से चीज़ें निकल चुकी हैं. नोटबंदी के पीछे न तो कोई दूरदृष्टि थी और न ही इसे ठीक ढंग से लागू किया गया. इस कदम की वजह से आर्थिक अराजकता और वित्तीय आपातकाल जैसे हालात हैं.'

सुरजेवाला इसे लेकर प्रधानमंत्री पर कटाक्ष करते हुए कहते हैं, 'मोदी जी ने कहा था कि अगर हालात नहीं सुधरें तो वह जिम्मेदारी लेने और सजा भुगतने को तैयार है. चीज़ें अभी ठीक नहीं हुई ही हैं मोदी जी, अर्थव्यवस्था संकट में है, लोग गुस्से में है. हम इस पर जवाबदेही चाहते हैं.'

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