Advertisement

पंचायत चुनाव से पहले दो CPM कार्यकर्ताओं के घर में लगी आग, 2 की मौत, TMC पर आरोप

सीपीएम ने आरोप लगाया है कि उनके दो कार्यकर्ताओं के घर में आग लगा दी गई, जिससे उनकी जलकर मौत हो गई. सीपीएम ने टीएमसी से जुड़े लोगों पर इस घटना को अंजाम देने का आरोप लगाया है.

सीपीएम के कार्यकर्ताओं की मौत सीपीएम के कार्यकर्ताओं की मौत
जावेद अख़्तर/इंद्रजीत कुंडू
  • कोलकाता,
  • 14 मई 2018,
  • अपडेटेड 10:26 AM IST

लंबे विवाद के बाद आज पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के लिए वोटिंग हो रही है. नामांकन के दौरान हिंसक घटनाओं के बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर आज वोटिंग से पहले भी कुछ इलाकों में तनाव की स्थिति देखने को मिल रही है.

आसनसोल जिले के रानीगंज में जहां बमबारी की घटनाएं सामने आई हैं. वहीं, दक्षिण 24 परगना जिले में सीपीएम के दो कार्यकर्ताओं को घर में जलाकर मारने के आरोप लगे हैं. सीपीएम ने आरोप लगाया है सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के गुंडों ने उनके दो कार्यकर्ताओं के घर में आग लगा दी, जहां उनकी जलकर मौत हो गई.

Advertisement

घटना 24 परगना जिले के काकद्वीप ब्लॉक की है.  बीती रात करीब 12 बजे नामखाना ब्लॉक के रहने वाले श्री देबु दास के घर को आग के हवाले कर दिया गया. जिसमें देबु दास और उनकी पत्नी की जलकर मौत हो गई. देबु दास सीपीएम के कार्यकर्ता थे. आरोप है कि इस घटना से पहले टीएमसी उम्मीदवार अमित मंडोल और उसके समर्थकों ने देबु दास को धमकी दी थी.

सीपीएम ने आरोप लगाया है कि उनके दो कार्यकर्ताओं देबु और ऊषा दास के घर में टीएमसी के लोगों ने आग लगा दी. जिस वक्त आग लगाई गई, दोनों लोग घर में सोए हुए थे. आरोप है कि आग लगने से दोनों की मौत हो गई. इस घटना के संबंध में सीपीएम ने चुनाव आयोग से भी शिकायत की है.

आसनसोल में बमबारी

Advertisement

आसनसोल जिले के रानीगंज में बांसरा इलाके से बमबारी की खबर है. यहां वोटिंग शुरू होने से पहले ही बम विस्फोट की घटना हुई, जिसके बाद इलाके में तनाव की स्थिति पैदा हो गई है. हालांकि, ये किसकी हरकत है इसका अभी पता नहीं लग पाया है.

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद चुनाव

बंगाल में काफी विवाद के बाद पंचायत चुनाव हो रहे हैं. सत्ताधारी टीएमसी पर दूसरी पार्टी के उम्मीदवारों को नामांकन से रोकने के आरोप लगने के बाद मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया था. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने 10 मई को अपने आदेश में कहा था कि राज्य चुनाव आयोग ऐसे उम्मीदवारों को विजयी घोषित न करे, जहां किसी और पार्टी के उम्मीदवार नामांकन न कर पाए हों. बता दें कि टीएमसी के ऐसे करीब 18 हजार उम्मीदवार हैं.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement