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पेट्रोल-डीजल कीमतों से लेकर इन मुद्दों पर है विपक्ष का भारत बंद

विपक्षी दल लगातार सरकार से कीमतों को नियंत्रित करने की मांग कर रहे हैं, उनकी दलील है कि जब अतंरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें घट रही हैं तो देश में पेट्रोल-डीजल के दाम आसमान क्यों छू रहे हैं.

भारत बंद (फोटो- संजय समीर) भारत बंद (फोटो- संजय समीर)
अनुग्रह मिश्र
  • नई दिल्ली,
  • 10 सितंबर 2018,
  • अपडेटेड 8:21 AM IST

पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों और महंगाई के खिलाफ आज कांग्रेस की ओर से बुलाए गए भारत बंद को 20 से ज्यादा विपक्षी दलों का समर्थन हासिल है. बंद के दौरान देश के विभिन्न राज्यों में विपक्षी दल विरोध प्रदर्शन कर अलग-अलग मुद्दों पर मोदी सरकार के खिलाफ अपना रोष व्यक्त कर रहे हैं. कांग्रेस ने सीधे तौर पर महंगाई के खिलाफ इस बंद का आह्वान किया है लेकिन विभिन्न दलों के अपने-अपने मुद्दे भी हैं जिनको लेकर वो आज सड़कों पर उतरे हैं.

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तेल के दामों में भारी उछाल

देशभर में पेट्रोल और डीजल की कीमतें उच्चतम स्तर पर पहुंच गई हैं. सोमवार को भी इसमें इजाफा हुआ और आज भी पेट्रोल की कीमतों में 23 पैसे जबकि डीजल में 22 पैसे प्रति लीटर का इजाफा हुआ है. देश के कुछ हिस्सों में तो पेट्रोल के दाम 90 रुपये तक का आंकड़ा भी छू चुके हैं. ऐसे में विपक्षी दल लगातार सरकार से कीमतों के नियंत्रित करने की मांग कर रहे हैं, उनकी दलील है कि जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमते घट रही हैं तो देश में पेट्रोल-डीजल के दाम आसमान क्यों छू रहे हैं.

डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर

रुपये की मजबूती अर्थव्यवस्था के मजबूत होने की निशानी है लेकिन हाल के दिनों में डॉलर के मुकाबले रुपया भी लगातार नीचे गिर रहा है. बीते दिनों तो रुपया डॉलर के मुकाबले ऐतिहासिक स्तर पर गिरकर 72 के पार पहुंच गया था. आने वाले दिनों में रुपये में गिरावट और भी बढ़ सकती है. यह जैसे 72 के पार पहुंचा है उसी तरह यह 73 का आंकड़ा भी पार कर सकता है. हालांकि सरकार इस गिरावट के लिए बाहरी कारणों को जिम्मेदार बता रही है लेकिन विपक्षी दलों का आरोप है कि सरकार रुपये की गिरावट को रोक पाने में अक्षम रही है.

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राफेल डील में गड़बड़ी का आरोप

कांग्रेस फ्रांस के साथ की गई राफेल डील को घोटाला बताती है और उसका आरोप है कि यूपीए सरकार ने जिस विमान की डील की थी, उसी विमान को मोदी सरकार तीन गुना कीमत में खरीद रही है. कांग्रेस ने सरकार पर निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाने का आरोप भी लगाया और संसद से लेकर सड़क तक राफेल पर विरोध प्रदर्शन किए हैं. अब इस बंद के बहाने एक बार फिर विपक्षी दल सरकार को राफेल के मुद्दे पर घेरने की कोशिश कर रहे हैं.

महंगाई पर विपक्ष का वार

तेल की कीमतों पर बढ़ोतरी के साथ ही बुनियादी सामानों की कीमतों पर भी सीधा असर होता है. इसी वजह से मंडियों में आने वाली सब्जियां और फल भी महंगे हुए हैं. इसके अलावा LPG सिलेंडर के दामों में भी इजाफा हुआ है. कांग्रेस का आरोप है कि मोदी सरकार में एक्साइज ड्यूटी में 12 बार बढ़ोतरी की गई जिसकी वजह से बिना सब्सिडी वाला एलपीजी सिलेंडर काफी महंगा हो गया है और आम आदमी को इससे परेशानी हो रही है.

किसानों और छात्रों के मुद्दे

कांग्रेस भले ही सीधे तौर पर महंगाई के मुद्दे पर भारत बंद की बात कह रही है लेकिन विभिन्न राज्यों के क्षेत्रीय दल इस बंद के जरिए अपने स्थानीय मुद्दे पर भुनाने की कोशिश में हैं. यूपी में समाजवादी पार्टी किसानों और छात्रों के साथ अत्याचार का आरोप लगाकर इस बंद का समर्थन कर रहे हैं. बीते दिनों दिल्ली में हजारों किसान और मजबूत स्वामीनाथन रिपोर्ट को लागू करने की मांग के साथ सड़कों पर उतरे थे. साथ ही किसान सरकार से कर्ज माफी से लेकर फसलों की MSP बढ़ाने की मांग भी कर रहे हैं. यूपी में शिक्षा मित्रों लेकर शिक्षक योगी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर चुके हैं.

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इन अहम मुद्दों के अलावा भी मॉब लिचिंग, कानून व्यवस्था की स्थिति और वामपंथी विचारकों की गिरफ्तारी को लेकर कई विपक्षी दल केंद्र की बीजेपी सरकार के नाराज है. महंगाई पर बुलाए इस बंद के बहाने पूरा विपक्षी सरकार के खिलाफ लामबंद होकर 2019 के आम चुनाव से पहले बीजेपी को बैकफुट पर ढकेलने की कोशिश कर रहा है.

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