
केंद्र की मोदी सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटते हुए SC/ST एक्ट में संशोधन कर मूल स्वरूप में बहाल करने पर सवर्णों ने गुरुवार को भारत बंद बुलाया. यह बंद कई सवर्ण संगठनों द्वारा बुलाया गया. सभी सवर्णों को केंद्र सरकार के इस फैसले से आपत्ति है.
गुरुवार को देश के कई राज्यों में सवर्णों के भारत बंद का असर दिखा. सवर्ण समुदाय ने बिहार, राजस्थान और मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों में प्रदर्शन किया. कई जगह आगजनी हुई, ट्रेनों को रोका गया और सड़क जाम की गईं. स्कूल और बाजार बंद रहे. इस बंद के चलते कई जिलों में कारोबार भी काफी प्रभावित हुआ.
अहिल्या चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एन्ड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष रमेश खंडेलवाल ने बताया कि SC/ST एक्ट में संशोधन के खिलाफ इंदौर में आधे दिन तक स्थानीय मंडियां और बाजार बंद रखने की अपील को करीब 110 कारोबारी संगठनों ने समर्थन दिया. उन्होंने बताया, 'आधे दिन के बंद के दौरान दौरान शहर में किराना जिंसों, अनाजों, दाल-दलहनों, जेवरात, बर्तनों, लोहा उत्पादों और कपड़ों आदि के प्रमुख कारोबारी केंद्रों में सन्नाटा पसरा रहा.'
सिंधिया और राहुल गांधी का विरोध
भारत बंद के दौरान सवर्ण समाज के लोगों ने ग्वालियर में कांग्रेस दफ्तर पर काले झंडे दिखाए और विरोध में कागज चस्पा दिया. ब्राह्मण, क्षत्रिय और ओबीसी समाज के लोगों ने ज्योतिरादित्य सिंधिया और राहुल गांधी के पोस्टरों पर काले कपड़े लगाए.
मंत्रियों और बीजेपी नेताओं की सुरक्षा बढ़ाई गई
भारत बंद को देखते हुए ग्वालियर में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, मध्य प्रदेश के शिक्षा मंत्री जयभान सिंह, मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री माया सिंह, कैबिनेट मंत्री नारायण सिंह कुशवाहा के घर की सुरक्षा बढ़ाई गई. इसके अलावा बीजेपी नेताओं के घर की भी सुरक्षा कड़ी की गई.
मध्य प्रदेश पुलिस ने कहा- मामूली हिंसा के बीच शांतिपूर्ण रहा बंद
मध्य प्रदेश के आईजी लॉ एंड ऑर्डर मकरंद देवसकर ने कहा कि सवर्णों का भारत बंद व्यापक स्तर पर शांतिपूर्ण रहा. सिर्फ कुछ जगहों पर ही मामूली घटनाएं देखने को मिलीं. हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं. अशोक नगर, गुना, भिंड और सतना में प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा.
मकरंद देवसकर ने बताया कि गुना में आंसू गैस के गोले दागने पड़े और कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया. उन्होंने बताया कि प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार किए गए लोगों को रिहा किया जा रहा है. अशोक नगर और रीवा में कुछ लोगों ने ट्रेन को भी रोकने की कोशिश की. कुछ लोगों ने जबरन कंट्रोल रूम में भी घुसने की कोशिश की, लेकिन उनको रोक लिया गया.
बिहार में बंद समर्थकों ने किया पथराव
बिहार के मुजफ्फरपुर में भारत बंद समर्थकों ने जनता अधिकार पार्टी के सांसद पप्पू यादव पर हमला किया. यह हमला उस समय हुआ, जब पप्पू यादव मधुबनी में पदयात्रा के लिए जा रहे थे. बिहार के आरा में बंद समर्थकों और पुलिस के बीच झड़प हुई. इस दौरान बंद समर्थकों ने ट्रेन रोकी और पुलिस पर पथराव किया.
पुलिस ने जवाबी कार्रवाई करते हुए बंद समर्थकों लाठीचार्ज किया. सूत्रों की मानें तो आरा में फायरिंग भी हुई है. घटना शहर के नवादा थाना क्षेत्र के जगदेव नगर मुहल्ले की है. इसके अलावा जहानाबाद में बंद समर्थकों के पथराव में ASP संजय सिंह घायल हो गए. उनको अस्पताल में भर्ती कराया गया.
सीएम योगी बोले- बंद का कोई मतलब नहीं
एससी-एसटी एक्ट के विरोध में सवर्ण समुदायों के राष्ट्रव्यापी बंद के आह्वान पर प्रदेश में गुरूवार को आम जनजीवन लगभग सामान्य रहा. कही से किसी अप्रिय घटना की कोई सूचना नहीं आई. हालांकि भारत बंद को देखते हुए उत्तर प्रदेश में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी रखी गई. राज्य के 11 जिलों में अलर्ट जारी किया गया.
वहीं, गोंडा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एससी एसटी कानून के विरोध में बंद पर कहा कि भारत बंद का कोई मतलब नहीं है, लोगों की अपनी भावनाएं हैं, लोकतन्त्र में हर व्यक्ति को अपनी बात कहने का अधिकार है.
राजस्थान में सड़क पर उतरे प्रदर्शनकारी
एससी/एसटी एक्ट में संशोधन लाए जाने के विरोध में राजस्थान में अगड़ी जातियों के लोग सड़क पर उतरे. गुरुवार सुबह से ही भारत बंद का असर यहां भी दिखा और जयपुर के स्कूल, कॉलेज और मॉल सब बंद नज़र आए.
राजस्थान में सर्व समाज संघर्ष समिति ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार जातियों को आपस में लड़ाना चाहती है, लेकिन हम इसे पूरा नहीं होने देंगे. राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में भी भारत बंद का असर दिखा. यहां पूरी तरह से बाजार बंद रहे. इस क्षेत्र में करणी सेना की अगुवाई में प्रदर्शन हुआ.
महाराष्ट्र में विरोध प्रदर्शन
महाराष्ट्र के ठाणे में भी सवर्ण समूह के लोगों ने प्रर्दशन किया. इस दौरान लोगों ने सड़कों पर उतर सरकार विरोधी नारे लगाए. लोगों का कहना था कि केंद्र सरकार को तुरंत अपना आदेश वापस लेना चाहिए और जैसा सुप्रीम कोर्ट ने कहा था, SC/SC एक्ट को वैसा ही करना चाहिए.