
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रदूषण के कसते शिकंजे को खत्म करने के लिए मंगलवार को एनसीआर डवलपमेंट प्लानिंग बोर्ड की मीटिंग हुई. जिसमें प्रदूषण को कम करने के लिए कदम उठाते हुए हरियाणा सरकार अपने किसानों को फसलों के अवशेष यानी पराली को जलाने के बजाय इकट्ठा करने की मशीने मुहैया कराएगी, इतना ही नहीं बल्कि पराली से बायो फ्यूल बनाने की तकनीक उपलब्ध कराने में भी मदद करेगी. ताकि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में बढ़ते प्रदूषण को रोका जा सके. इसके अलावा एनसीआर में आबादी या नेशनल हाईवे के आसपास लगे ईंट भट्ठों को भी दूरदराज के इलाकों में शिफ्ट करने की योजना पर भी तेजी से काम हो रहा है.
बोर्ड की बैठक की अध्यक्षता शहरी विकास मंत्री एम वेंकैया नायडू ने की, नायडू ने कहा कि बढ़ता प्रदूषण बहुत बड़ी चुनौती है. एनसीआर के तहत आने वाले पांचों राज्यों को इस बारे में बेहतर तालमेल करना होगा तभी इससे पार पाया जा सकता है. आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञों की ओर से प्रदूषण की वजहें और उनसे निपटने के लिए तैयार की गई कार्ययोजना पर भी पांचों राज्यों के नुमाइंदों ने विचार किया. कार्ययोजना में यातायात के लिए अत्याधुनिक उपयुक्त ईंधन का इस्तेमाल करने, कुदरती संसाधनों को बढ़ावा देने और प्रदूषण रोकने के लिए कई तरह के व्यावहारिक और सरल उपाय करने की तकनीक बताई गई है. इस पर चर्चा के बाद राज्यों ने इस पर काम करने के लिए जिम्मेदारी भी ली.
हालांकि बोर्ड की बैठक बुलाने की अहम वजह थी दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश से बना दबाव. कोर्ट ने दिल्ली में लगातार बढ़ते खतरनाक प्रदूषण से निपटने के लिए तीन हफ्ते में बोर्ड की बैठक बुलाकर अब तक किये गये काम की जानकारी मांगी थी. साथ ही बोर्ड से ये भी बताने को कहा गया था कि आखिर भविष्य के लिए क्या कार्ययोजना अपनाने पर सहमति बनी है.
पांच राज्यों में से सिर्फ हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ही मीटिंग में मौजूद रहे. खट्टर ने कहा कि राजधानी में प्रदूषण और ट्रैफिक को सुचारू करने के लिए हरियाणा में कुण्डली, मानेसर पलवल एक्सप्रेस वे का काम फरवरी 2018 तक पूरा हो जाने की उम्मीद है. इसके पहले अगस्त 2018 में पूरा होने की मियाद थी लेकिन अब इसे छह महीना पहले पूरा कर लिये जाने की उम्मीद है.