
सहारा डायरीज के मामले में सहारा समूह को बड़ी राहत मिली है. इनकम टैक्स सेटेलमेंट कमीशन ने सहारा पर लगे आरोपों पर कार्यवाही पर रोक लगा दी है. कमीशन ने छापे मे मिले पैसों के लेनदेन के काग़ज़ों को सबूत की तरह मानने से इंकार कर दिया है.
गौरतलब है कि साल 2014 मे आयकर विभाग ने सहारा पर छापे की कार्यवाही की थी, जिसमें कई पन्ने मिले थे और उनमें गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और दूसरे नेताओं को पैसे देने का ज़िक्र था. अरविंद केजरीवाल और राहुल गांधी ने इन पेमेंट्स को लेकर प्रधानमंत्री को घेरने की कोशिश भी की थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए कंपनियों से करोड़ों रुपये का घूस लेने का आरोप लगाया गया है.
राहुल अब भी हमलावर
हालांकि राहुल गांधी अब भी इस मामले में हमलावार रुख में दिख रहे हैं. राहुल गांधी के ऑफिस के ट्विटर अकाउंट से ट्वीट कर कहा गया है, ' यह सहारा को राहत है या मोदी जी ? आप का मन यदि साफ है मोदीजी तो जांच से क्यों डरते हैं ? सहारा डायरी के एक पन्ने का हवाला देकर राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर गुजरात के सीएम रहते पैसे लेने का आरोप लगाया था. हालांकि इस लिस्ट में शीला दीक्षित का नाम आने के बाद कांग्रेस बैकफुट पर दिखी.
दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित पहले ही इन काग़ज़ों की विश्वसनीयता पर सवाल उठा चुकी है. सुप्रीम कोर्ट भी इस मामले मे मिले काग़ज़ों को कार्यवाही का सबूत मानने से इंकार कर चुकी है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में 'कॉमन कॉज' संस्था ने एक याचिका दायर की है जिसके वकील प्रशांत भूषण हैं. यह मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है.