
बिहार के बाद अब चमकी बुखार को लेकर ओडिशा में अलर्ट जारी किया गया है. इस बाबत ओडिशा सरकार की ओर से स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग ने एक नया आदेश जारी किया गया है. अब राज्य के बाजारों में बिक रही लीची के सैंपल इकट्ठे किए जाएंगे, क्योंकि कुछ रिसर्च में लीची से चमकी बुखार होने की बात सामने आई है.
स्वास्थ्य मंत्री नवकिशोर दास ने खाद्य सुरझा आयुक्तों को बाजार में बिक रही लीची की जांच के आदेश दिए हैं. उन्होंने कहा, इस बात की जांच की जाए कि क्या लीची में कोई ऐसा जहरीला पदार्थ है, जो इंसान के शरीर पर असर डाल सकता है. ऐसी खबरें हैं कि बिहार में सौ से ज्यादा बच्चों की मौत खाली पेट लीची खाने से हुई है. हालांकि इसे लेकर अब तक डॉक्टरों की राय बंटी हुई है.
बिहार के मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार से मरने वालों का आंकड़ा 110 तक पहुंच गया है. पिछले 24 घंटों में 75 से ज्यादा नए मरीजों को भर्ती कराया गया है. 400 मरीजों का इलाज किया जा रहा है. इनमें से कई लोगों की हालत गंभीर है. हैरानी की बात है कि न तो अब तक डॉक्टर्स और न ही सरकार तय कर पाई है कि यह कौन सी बीमारी है. लेकिन इलाके के आसपास इसे चमकी बुखार कहा जा रहा है.
मंगलवार को जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मुजफ्फरपुर के श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (एसकेएमसीएच) अस्पताल पहुंचे तो उनके खिलाफ जमकर विरोध-प्रदर्शन हुआ. लोगों में नीतीश के प्रति भारी गुस्सा दिखा. बुखार से पीड़ित बच्चों के माता-पिता को उम्मीद थी कि सीएम के आने से हालात में कुछ सुधार आएगा. इलाज में तेजी आएगी. लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ. सीएम उलटा डॉक्टरों और प्रशासन की पीठ थपथपाकर चलते बने.
चमकी बुखार का मामला अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है. दो वकीलों में शीर्ष अदालत में पीआईएल दाखिल की है. याचिका में मांग की गई है कि बीमारी से प्रभावित इलाकों में केंद्र और राज्य सरकार को 500 आईसीयू बनाने का आदेश दिया जाए. मेडिकल बोर्ड का गठन किया जाए और 100 मोबाइल आईसीयू मुजफ्फरपुर भेजे जाएं.
क्या है 'चमकी बुखार' के लक्षण
ये एक संक्रामक बीमारी है. इस बीमारी के वायरस शरीर में पहुंचते ही खून में शामिल होकर अपना प्रजनन शुरू कर देते हैं. शरीर में इस वायरस की संख्या बढ़ने पर ये खून के साथ मिलकर व्यक्ति के मस्तिष्क तक पहुंच जाते हैं. मस्तिष्क में पहुंचने पर ये वायरस कोशिकाओं में सूजन पैदा कर देते हैं. जिसकी वजह से शरीर का 'सेंट्रल नर्वस सिस्टम' खराब हो जाता है. चमकी बुखार में बच्चे को लगातार तेज बुखार चढ़ा रहता है. बदन में ऐंठन के साथ बच्चा अपने दांत पर दांत चढ़ाए रहता हैं. शरीर में कमजोरी की वजह से बच्चा बार-बार बेहोश होता रहता है. शरीर में कंपन के साथ बार-बार झटके लगते रहते हैं. यहां तक कि शरीर भी सुन्न हो जाता है.