Advertisement

PAK दौरे पर प्रधानमंत्री को मिला नीतीश कुमार का समर्थन

नीतीश की ओर से लिखे गए पत्र में प्रधानमंत्री के इस कदम की सराहना की गई है, जबकि आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद ने मोदी के हाथों देश को असुरक्षित बताया है.

ब्रजेश मिश्र
  • पटना,
  • 08 जनवरी 2016,
  • अपडेटेड 8:47 AM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के औचक लाहौर दौरे पर सवाल उठाने वाले महागठबंधन के नेताओं को उस वक्त झटका लगा, जब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मोदी के इस काम की सराहना करते हुए पत्र लिखा. नीतीश की ओर से लिखे गए पत्र में प्रधानमंत्री के इस कदम की सराहना की गई है, जबकि आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद ने मोदी के हाथों देश को असुरक्षित बताया है.

Advertisement

नीतीश कुमार ने अपने पत्र में लिखा, 'मेरा मानना है कि प्रधानमंत्री का पाकिस्‍तान दौरा एक अच्‍छा और सराहनीय कदम है. दोनों देशों के रिश्ते सुधारने के लिए यह काफी महत्वपूर्ण कदम है.' उन्होंने कहा कि कुछ ताकतें हैं तो बिल्कुल नहीं चाहतीं कि दोनों देशों के रिश्ते बेहतर हों.

'बेहतर हो सकते हैं PAK से संबंध'
बिहार के मुख्यमंत्री ने कहा कि पाकिस्‍तान में लोकतंत्र की ताकत को मजबूत करने पर ही दोनों देशों के बीच की खाई खत्म को सकती है और संबंध बेहतर हो सकते हैं.

बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी के लाहौर दौरे पर विपक्ष लगातार सवाल उठाता रहा है. यही नहीं, बिहार में महागठबंधन की सहयोगी और केंद्र में मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने भी मोदी सरकार की विदेश नीति पर भी सवाल खड़े किए थे. पठानकोट में हुए आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार की नीतियों और पाकिस्तान को लेकर सरकार के नरम रुख पर भी विपक्ष ने निशाना साधा था.

Advertisement

लालू बोले- कैसे घुस आए आतंकी
इस बीच आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद ने एक बार फिर प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा है कि मोदी के हाथों देश सुरक्षित नहीं है. लालू ने कहा कि जो लोग बिहार में जंगलराज 2 पर चर्चा करने में आगे रहते हैं वे लोग पठानकोट हमलों पर खामोश क्‍यों हैं? साथ ही अपने धुर विरोधी को निशाने पर लेते हुए लालू ने कहा, 'मोदी और बीजेपी वाले बोलते थे पाकिस्तान हमसे आंख नहीं मिलाएगा, फिर आतंकी देश में कैसे घुस गए.'

पठानकोट हमले के बाद विपक्ष के निशाने पर है केंद्र
गौरतलब है कि दो जनवरी को तड़के करीब साढ़े तीन बजे आतंकियों ने पठानकोट एयरफोर्स स्टेशन में घुसकर हमला कर दिया था. ये वही आतंकी थे, जिन्होंने 31 दिसंबर को गुरदासपुर एसपी को अगवा किया था. हमले में सात जवान शहीद हो गए थे. चार दिनों तक चले ऑपरेशन के दौरान सुरक्षाबलों ने छह आतंकवादियों को मार गिराया था.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement