
पिछले साल पांच विधानसभा चुनावों के दौरान यदि किसी राजनीतिक पार्टी को सबसे ज्यादा फंड मिला है तो वो है भारतीय जनता पार्टी. इसका खुलासा राजनीतिक चंदों पर नजर रखने वाली संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की ताजा रिपोर्ट में हुआ है.
रिपोर्ट के मुताबिक, राजनीतिक पार्टियों को कुल 1500 करोड़ रुपये का फंड मिला. हालांकि, इस फंड में से केवल 494 करोड़ रुपये ही पार्टियों ने खर्च किये हैं. गोवा, मणिपुर, पंजाब, उत्तराखंड और यूपी में हुए चुनावों के दौरान राष्ट्रीय दलों ने 1,314.29 करोड़ रु. फंड जुटाए, वहीं 328.66 करोड़ रु. खर्च किए.
सबसे ज्यादा फंड बीजेपी को 1,214.46 करोड़ रुपये मिले, जो पूरे फंड का 92.4% है. वहीं, क्षेत्रीय दलों की बात की जाए तो सबसे ज्यादा 116 करोड़ रुपये शिवसेना को मिले. इसके बाद नंबर आता है आम आदमी पार्टी का. इन्हें 37.35 करोड़ रुपये फंड मिला.
दिलचस्प बात तो यह कि कांग्रेस, एनसीपी और सीपीएम की स्टेट यूनिट ने केंद्रीय मुख्यालय की तुलना में ज्यादा फंड जुटाए.
वहीं, खर्च के मामले में राष्ट्रीय राजनीतिक दलों ने 189.46 करोड़ और क्षेत्रीय दलों ने 111 करोड़ खर्च किए.
इस बारे में शिवसेना ने चुनाव आयोग को बताया कि पंजाब, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में चुनाव लड़ने के बावजूद प्रचार अभियान में उसने कोई खर्च नहीं किया.