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आंध्र प्रदेश: मंदिरों के ट्रस्टी बोर्ड में आरक्षण पर बोली बीजेपी- ईसाई दलितों को रखें दूर

आंध्र प्रदेश सरकार ने मंदिरों में अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़े वर्ग और महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण दिया है. वहीं बीजेपी ने जगन मोहन रेड्डी सरकार के इस फैसले को हिंदू भावना के खिलाफ बताया है.

कुछ ही दिन पहले बीजेपी में शामिल हुए हैं लंका दिनाकरन (ANI) कुछ ही दिन पहले बीजेपी में शामिल हुए हैं लंका दिनाकरन (ANI)
आशीष पांडेय
  • हैदराबाद,
  • 14 सितंबर 2019,
  • अपडेटेड 2:29 PM IST

  • बीजेपी मंदिरों में आरक्षण के खिलाफ नहीं
  • ईसाई दलितों को मंदिरों में न मिले कोई पद

आंध्र प्रदेश सरकार ने मंदिरों में अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़े वर्ग और महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण दिया है. वहीं बीजेपी ने जगनमोहन रेड्डी सरकार के इस फैसले को हिंदू भावना के खिलाफ बताया है. आंध्र प्रदेश के एक बीजेपी नेता का कहना है कि राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि जो दलित ईसाई बन चुके हैं उन्हें हिंदू मंदिरों में किसी पद पर नामित न किया जाए.

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ईसाइयों की नियुक्ति के खिलाफ बीजेपी

टीडीपी छोड़ कर बीजेपी ज्वॉइन करने वाले लंका दिनाकर ने कहा कि उनकी पार्टी इस 50 फीसदी आरक्षण के खिलाफ नहीं है. लेकिन हिंदू मंदिरों के मैनेजिंग ट्रस्ट में ईसाइयों के शामिल किए जाने को लेकर पार्टी चिंतित जरूर है.

लंका दिनाकर ने कहा, 'आंध्र प्रदेश में जो सत्ता में आता है उन सब की नजर हिंदू मंदिरों और उनकी जमीनों पर रहती है.' उन्होंने कहा कि क्या यह सच नहीं है कि जो हिंदू दलित ईसाई बन चुके हैं वे आजीवन दलित ही रहते हैं. क्या यह सच नहीं है कि सभी दलों के धर्म बदलने वाले राजनेता सार्वजनिक तौर पर दलितों के नाम पर प्रतिनिधित्व करते हैं. क्या यह दलितों के साथ अन्याय नहीं है?

बीजेपी नेता ने कहा कि आंध्र प्रदेश में हिंदू मंदिरों में नामित पदों पर दलितों को आरक्षण मिल चुका है. हमारी मांग है कि इन पदों पर सिर्फ हिंदू दलितों को ही नामित किया जाए. लेकिन ऐसा लगता है कि धर्म परिवर्तन कर चुके दलितों को इन पदों पर नियुक्ति की अनुमति दी जा रही है जो इन सार्वजनिक पदों पर रहते हुए दलित वर्ग का प्रतिनिधित्व करते रहेंगे. अगर सरकार धर्म परिवर्तन करने वाले दलितों को इन मंदिरों में नियुक्त करती है ये नियुक्तियां हिंदू भावना के खिलाफ होगी.

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क्या है जगन सरकार का फैसला

गौरतलब है कि पिछड़ा वर्ग (BC), अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) को 50 फीसदी और महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण दिया है. इसके तहत अब हर बोर्ड ऑफ ट्रस्टी में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़े वर्ग के उम्मीदवारों के लिए नामित सदस्यों की कुल संख्या (पदेन सदस्यों को छोड़कर) में से 50 फीसदी आरक्षण होगा.

इसके अलावा कुल मनोनीत सदस्यों में से 50 फीसदी महिलाएं होंगी, जिनमें SC/ST और BC वर्ग से 50 फीसदी कोटे के तहत नामित महिला सदस्य शामिल हैं. इससे पहले जगनमोहन रेड्डी सरकार ने निगमों, बोर्डों, सोसाइटिज और बाजार कार्य स्थलों में पिछड़ा वर्ग, एससी, एसटी और अल्पसंख्यक वर्ग को 50 प्रतिशत आरक्षण देने का ऐलान किया था.

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