
राम मंदिर निर्माण को लेकर बीजेपी नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने केंद्र की मोदी और यूपी की योगी सरकार को वॉर्निंग दी है. मोदी सरकार और योगी सरकार को खुद का विरोधी बताते हुए स्वामी ने कहा कि अगर इन सरकारों ने राम मंदिर निर्माण का विरोध किया, तो वो सरकार गिरा देंगे. राम मंदिर निर्माण पर तेज हो रही कावयद के बीच सुब्रमण्यम स्वामी का यह बयान सामने आया है.
जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, 'अगर हमारा राम मंदिर निर्माण का मामला जनवरी में सूचीबद्ध है, तो हम इसे दो हफ्ते में जीत लेंगे, क्योंकि मेरे दो विरोधी पक्षकार केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार हैं. क्या उनके पास मेरा विरोध करना का दम है? अगर उन्होंने ऐसा किया, तो मैं सरकार गिरा दूंगा. हालांकि मुझको पता है कि वो इसका विरोध नहीं करेंगे.
इससे पहले आरएसएस के नेता और राज्यसभा में बीजेपी के सांसद राकेश सिन्हा ने राम मंदिर निर्माण पर प्राइवेट मेंबर बिल लाने की बात कही थी. उन्होंने सभी दलों से इस बिल का समर्थन करने की भी अपील की थी. इससे पहले अयोध्या में विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) की अगुवाई में धर्म सभा का आयोजन किया गया था, जिसमें कई हिंदूवादी संगठनों के साथ ही काफी संख्या में साधु-संत पहुंचे थे.
धर्मसभा को संबोधित करते हुए वीएचपी के अंतरराष्ट्रीय सचिव चम्पत राय ने कहा था, 'राम मंदिर के निर्माण के लिए हमें पूरी जमीन चाहिए और जमीन बंटवारे का कोई भी फॉर्मूला मंजूर नहीं होगा. सुन्नी वक्फ बोर्ड को जमीन के मालिकाना हक का केस वापस ले लेना चाहिए और वीएचपी इस जमीन पर नमाज नहीं होने देगी.
बता दें कि राम मंदिर पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अपने फैसले में विवादित जमीन को तीन हिस्सों में बांटा था. इसके अलावा धर्म सभा के मंच से आरएसएस के अखिल भारतीय सह सरकार्यवाह कृष्णा गोपाल ने कहा था कि धर्म सभा का जो भी निर्णय होगा, आरएसएस उसे मानेगी.
जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामभद्राचार्य ने भी धर्मसभा को संबोधित किया था. इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार के एक बड़े मंत्री का हवाला देते हुए कहा था कि उन्होंने भरोसा दिलाया है कि 11 दिसंबर से 12 जनवरी तक राम मंदिर पर बड़ा फैसला होगा.
विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी), राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और बजरंग दल के हजारों कार्यकर्ता देश भर से बसों और ट्रेनों के जरिए धर्म सभा में हिस्सा लेने के लिए अयोध्या पहुंचे थे. इससे पहले शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे अपने परिवार के साथ अयोध्या पहुंचे थे और सरकार से राम मंदिर निर्माण की तारीख मांगी थी.