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4 जजों के समर्थन में यशवंत सिन्हा, बोले- ये न्यायपालिका का आंतरिक मामला नहीं

सिन्हा ने कहा, 'मीडिया के जरिए जजों ने देश से अपनी शिकायतें साझा कीं. जिसे भी इस देश और लोकतंत्र की चिंता है, उसे आज अपनी आवाज उठानी चाहिए. अगर न्यायपालिका के साथ समझौता होगा, तो इसका दुष्परिणाम सभी पर पड़ेगा.'

बीजेपी नेता यशवंत सिन्हा बीजेपी नेता यशवंत सिन्हा
सुरभि गुप्ता
  • नई दिल्ली,
  • 13 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 4:22 PM IST

वरिष्ठ बीजेपी नेता यशवंत सिन्हा ने बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा के बयान से उलट सुप्रीम कोर्ट के चार जजों की शिकायत को न्यायपालिका का आंतरिक मसला मानने से इनकार किया है. सिन्हा ने कैबिनेट मंत्रियों से अपील की है कि वे वरिष्ठ जजों को समर्थन दें. शरद यादव ने इस विवाद के लिए मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है.

CJI के कामकाज पर जजों ने उठाया सवाल

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शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यशवंत सिन्हा ने दावा किया कि बीजेपी नेता डरे हुए हैं और इसलिए वे खुलकर जजों का का समर्थन नहीं कर रहे हैं. जस्टिस चेलमेश्वर, जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन लोकुर और जस्टिस कुरियन जोसेफ के चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया दीपक मिश्रा के काम करने के तरीकों पर सवाल उठाने को सिन्हा ने असाधारण कदम बताया है.

'देश की न्यायपालिका में समझौता सही नहीं'

सिन्हा ने कहा, 'मीडिया के जरिए जजों ने देश से अपनी शिकायतें साझा कीं, जिसे भी इस देश और लोकतंत्र की चिंता है, उसे आज अपनी आवाज उठानी चाहिए. अगर न्यायपालिका के साथ समझौता होगा, तो इसका दुष्परिणाम सभी पर पड़ेगा.'

'जजों की शिकायत न्यायपालिका का आंतरिक मसला नहीं'

इस मामले को BJP प्रवक्ता संबित पात्रा ने न्यायपालिका का आंतरिक मसला बताया था. इस पर सिन्हा ने कहा कि जब चार जज खुलेआम इसकी शिकायत कर रहे हैं, तो ये न्यायपालिका का आंतरिक मामला कैसे हो सकता है. यशवंत सिन्हा ने कहा कि लोकतांत्रिक संस्थाओं, राजनीतिक दलों, सत्ताधारी सरकार और चुने हुए प्रतिनिधियों को इसकी चिंता करनी चाहिए.

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पूरे विवाद के लिए दोषी है मोदी सरकार: शरद यादव

इस पूरे विवाद के लिए शरद यादव ने सरकार को दोषी ठहराया है. शरद के मुताबिक जजों ने कुछ भी गलत नहीं किया और उन्होंने बेहद दबाव में ये कदम उठाया होगा. अब हालात सामान्य करने की जरूरत है. शरद ने कहा कि उन्हें कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का इस मसले पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करने में कोई समस्या नजर नहीं आती.

ये न्यायिक प्रशासन का सांस्थानिक मसला: CPIM

सीपीआईएम सूत्रों ने बताया कि डी राजा जस्टिस चेलमेश्वर से मिलने नहीं गए. CPIM ने कहा कि ये न्यायिक प्रशासन का सांस्थानिक मसला है.

कीर्ति आजाद बोले- सरकार हस्तक्षेप करे

बीजेपी के बागी सांसद कीर्ति आजाद ने कहा कि सरकार को इस मामले में हस्तक्षेप करना ही चाहिए. लोगों के सामने ये मामला चार जज लेकर आए हैं. इतना गंभीर विषय उठाने वाले जजों के खिलाफ सोशल मीडिया पर अभियान चलाया जा रहा है.

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