
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने से इनकार कर दिया है. ममता का कहना है कि बीजेपी ने मृत कार्यकर्ताओं को परिजनों को आमंत्रित किया है और इसे राजनीतिक हत्या करार दिया है. जबकि ये राजनीतिक हत्याएं नहीं हैं बल्कि आपसी रंजिशों के मसले हैं.
इसके बाद बीजेपी के आईटी इंचार्ज अमित मालवीय ने ममता बनर्जी पर हमला किया है और उन्हें याद दिलाया कि उन्होंने (ममता बनर्जी) 2011 के अपने शपथ ग्रहण समारोह में राजनीतिक हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों को बुलाया था. मालवीय ने ट्वीट में दावा किया, ममता बनर्जी के 20 मई 2011 के शपथ ग्रहण में राजनीतिक हिंसा में मारे गए लोगों के परिजन शामिल हुए थे. ये लोग नंदीग्राम और सिंगूर में मारे गए थे. उन्होंने तब वाम मोर्चे पर नृशंस हत्या करने का आरोप लगाया था. जबकि अब ममता आरोप लगा रही हैं कि बीजेपी का शपथ ग्रहण में आमंत्रण निराधार है.
ममता ने लिखा कि ये बिल्कुल झूठ है, बंगाल में कोई राजनीतिक हत्या नहीं हुई है. ये हत्याएं आपसी रंजिश, पारिवारिक लड़ाई और अन्य मसलों की वजह से हुई है. इनका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है, ऐसा कोई रिकॉर्ड भी नहीं है. सॉरी नरेंद्र मोदी जी, इसी वजह से मैं आपके शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं हो पाउंगी. ये समारोह लोकतंत्र का जश्न मनाने वाला था, लेकिन किसी एक राजनीतिक दल को नीचा दिखाने वाला नहीं है. कृपया मुझे क्षमा करें.
गौरतलब है कि बंगाल में लोकसभा चुनाव के दौरान जमकर हिंसा हुई थी. इस दौरान भारतीय जनता पार्टी के कई कार्यकर्ता मारे भी गए थे, बीजेपी इन्हें शहीद बता रही है. बीजेपी ने नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में इन सभी 54 बीजेपी कार्यकर्ता के परिवारों को बुलाया है. जिसे बीजेपी की मिशन 2020 की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा था. इस बार बंगाल में भारतीय जनता पार्टी ने ऐतिहासिक जीत हासिल की है. बंगाल की कुल 42 लोकसभा सीटों में से भाजपा ने 18 सीटों पर जीत हासिल की है तो वहीं टीएमसी 22 सीटें जीत पाई है. जबकि टीएमसी के पास इससे पहले 37 लोकसभा सीटें थीं. BJP को करीब 40 फीसदी वोट बंगाल में मिला है.