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न दलित, न आदिवासी, न मुसलमान, BJP सांसद बोले- विज्ञान में NO हनुमान

BJP MP Udit Raj ने Lord Hanuman के अस्तित्व को सिरे से खारिज किया है. उन्होंने कहा कि अगर साइंटिफिक और ऑर्कियोलॉजिकल आधार पर देखा जाए, तो हनुमान नाम का कोई अस्तित्व ही नहीं था. इसके अलावा राष्ट्रीय जनता दल, समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस और अकाली दल समेत अन्य पार्टियों ने भी इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है.

प्रतीकात्मक फोटो- रॉयटर्स प्रतीकात्मक फोटो- रॉयटर्स
जितेंद्र बहादुर सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 21 दिसंबर 2018,
  • अपडेटेड 5:39 PM IST

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा हनुमान को दलित बताने के बाद से शुरू हुई बयानबाजी दिनोंदिन तेज होती जा रही है. इन दिनों नेताओं में हनुमान की जाति और धर्म बताने की होड़ लगी हुई है. कोई हनुमान को दलित कह रहा है, कोई आदिवासी और कोई मुसलमान कह रहा है. कई नेता तो हनुमान को जाट और चीन का निवासी बताने लगे हैं. अब बीजेपी सांसद उदित राज ने एक कदम और बढ़ाते हुए कहा कि हनुमान का कोई अस्तित्व ही नहीं था.

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बीजेपी सांसद उदित राज ने आजतक से बातचीत में कहा कि अगर साइंटिफिक और ऑर्कियोलॉजिकल आधार पर देखा जाए, तो हनुमान नाम का कोई अस्तित्व ही नहीं था. उन्होंने कहा कि कई दृष्टिकोण हैं, जिसमें एक दृष्टिकोण यह कहता है कि वो जंगल में थे, जिसके हिसाब से वो आदिवासी थे. एक बात यह भी है कि हनुमान को लेकर ऑर्कियोलॉजिकल एविडेंस या डीएनए टेस्ट या कार्बन डेटिंग जैसे कोई एविडेंस नहीं है.

बीजेपी सांसद ने कहा कि साइंटिफिक जानकारी के मुताबिक अगर कहा जाए तो भगवान हनुमान का कोई अस्तित्व ही नहीं है. बीजेपी सांसद ने अपने इस दावे के समर्थन में और भी तर्क दिए हैं. उन्होंने कहा कि हमारा दृष्टिकोण आस्था के हिसाब से देखा जाए, तो यह है कि वो आदिवासी थे. इस दौरान दलित नेता और बीजेपी सांसद उदित राज ने राम, शबरी और केवट सबकी जातियां बताई.

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देवी-देवताओं की जाति बतानेे के लिए बैठाया जाए आयोगः RJD

राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता मनोज झा ने इस मामले पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा, 'आपका यह सवाल मुझसे पूछना है और मेरा इस पर जवाब देना, मेरे मुल्क में गिरावट का संकेत है. मुझे लगता है कि यहां हर शाख पर उल्लू बैठा है. हनुमान को योगी दलित बताते हैं, जबकि बुक्कल नवाब मुसलमान बताते हैं. मुझे लगता है कि इसके लिए एक तरीके का आयोग बैठा दिया जाए, जिसमें 36 करोड़ देवी-देवताओं की जाति बता दी जाए.'

मनोज झा ने कहा कि जो राजनीतिक टिप्पणी इस तरीके की जा रही है, इसके पीछे उनकी मंशा साफ दिख रही है. वो चाहते हैं कि वास्तविक मुद्दों पर चर्चा न हो. लिहाजा भगवान की जाति बताने में जुट जाते हैं. ऐसा करने वाले मिस्टर योगी आदित्यनाथ और नवाब बुक्कल सबके सामने हैं.

TMC ने टिप्पणी करने से किया इनकार

टीएमसी सांसद शुभेंदु शेखर ने कहा, 'मैं पंडित नहीं हूं कि मैं हनुमान के बारे में कुछ बताऊं. जो हनुमान के बारे में सब कुछ जानते हैं, उन लोगों से पूछो. हनुमान को कोई दलित कहता है, कोई जाट बताता है और कोई मुसलमान करार देता है. जो पंडित हैं, वो इस बारे में बोलते रहे हैं, लेकिन हमको इस पर कोई टिप्पणी नहीं करनी है.

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अकाली दल के नेता ने कहा- हमारा जाति पर विश्वास नहीं

अकाली दल के नेता प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने हनुमान की जाति के बारे में बातचीत करते हुए कहा, 'हम किसी भी जाति के बारे में विश्वास नहीं करते हैं. हम सिख कम्युनिटी से जुड़े हैं. गुरु गोविंद सिंह ने एक बात कही थी कि सिख धर्म सब जात-पात से ऊपर हैं. उन्होंने एक ही बर्तन में सबको खाना खिलाया और एक ही जगह पर बैठाया. कौन किस जाति का है और किस धर्म का है, हम इस पर विश्वास नहीं रखते हैं. फिर चाहे हनुमान हों या कोई और. सिख धर्म ही ऐसा है, जो जाति से ऊपर उठकर बात करता है.

रामगोपाल बोले- हनुमान की जाति बताने वाले मूर्ख

समाजवादी पार्टी नेता प्रोफेसर रामगोपाल यादव ने कहा कि जो हनुमान की जाति के बारे में बताते हैं, वो मुर्ख हैं. जिनको सारे लोग मानते हैं, उनको जाति के बांटने की जो लोग कोशिश कर रहे हैं, उनसे बड़ा मूर्ख, धूर्त और उद्दंड कोई हो ही नहीं सकता है.

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