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अखिलेश का तंज- अनुशासित पार्टी में जूतों का सादर आदान-प्रदान

संत कबीरनगर से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद शरद त्रिपाठी ने अपनी ही पार्टी के विधायक राकेश बघेल को जूते से पीट दिया. बीजेपी नेताओं के मारपीट के इस मामले ने विपक्ष को बैठ-बिठाए एक मुद्दा दे दिया है.

पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव(फाइल फोटो) पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव(फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 07 मार्च 2019,
  • अपडेटेड 8:06 AM IST

उत्तर प्रदेश के संत कबीरनगर से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद शरद त्रिपाठी ने अपनी ही पार्टी के विधायक राकेश बघेल को जूते से पीट दिया. बीजेपी नेताओं के मारपीट के इस मामले ने विपक्ष को बैठ-बिठाए एक मुद्दा दे दिया है. उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस पूरे मामले पर तंज कसा है. उन्होंने कहा कि उप्र में विश्व की सबसे अनुशासित राजनीतिक पार्टी का दावा करनेवाली भाजपा के सांसद व विधायक के मध्य जूतों का सादर आदान-प्रदान हुआ.

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उन्होंने आगे कहा कि यह आगामी चुनावों में अपनी हार से आशंकित भाजपा की हताशा है. सच तो ये है कि लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए भाजपा को प्रत्याशी ही नहीं मिल रहे हैं. अखिलेश ने कहा कि जनता जनार्दन पहचान लो यही है भाजपा का असली चाल चरित्र चेहरा. चुनाव मे ऐसे नेता और ऐसी पार्टी को सबक़ सिखाने का तत्काल अवसर आप को मिला है.

बता दें कि बुधवार को एक कार्यक्रम के दौरान बीजेपी सांसद शरद त्रिपाठी और विधायक राकेश बघेल के बीच जमकर मारपीट हुई थी. इस दौरान बीजेपी सांसद त्रिपाठी ने विधायक बघेल को जूतों से जमकर पीटा था. इस कार्यक्रम में संत कबीरनगर के जिलाधिकारी और योगी सरकार में मंत्री आशुतोष टंडन भी मौजूद रहे.

समाजवादी पार्टी ही नहीं कांग्रेस भी इस मुद्दे पर बीजेपी को घेरने में देरी नहीं की. कांग्रेस प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने ट्वीट किया कि भाजपा के सांसद और विधायक अपनी सभ्यता और संस्कृति का परिचय देते हुए. वहीं, जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी इस घटना पर तंज कसा. महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट किया कि मेरा बूथ सबसे मजबूत से मेरा जूता सबसे मजबूत.

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शरद त्रिपाठी ने जताया खेद

मामले के तूल पकड़ने के बाद सांसद शरद त्रिपाठी ने खेद जताया. उन्होंने कहा कि मैं इस घटना पर खेद जताता हूं और इसको लेकर मैं बहुत बुरा महसूस कर रहा हूं, जो भी हुआ, वो मेरे सामान्य व्यवहार के खिलाफ था. अगर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने मुझे तलब किया है, तो पूरे मामले मे मैं अपना पक्ष रखूंगा.

क्या है पूरा मामला

दरअसल पूरा मामला शिलापट्ट पर नाम को लेकर शुरू हुआ. शिलापट्ट में नाम नहीं होने से सांसद शरद त्रिपाठी भड़क गए और राकेश बघेल से भिड़ गए. शुरुआत में दोनों में बहसबाजी हुई. लेकिन धीरे-धीरे बात गाली-गलौज तक पहुंच गई और फिर मारपीट शुरू हो गई. बीजेपी सांसद शरद त्रिपाठी ने फौरन जूता उतारा और विधायक राकेश बघेल के सिर पर बरसाने लगे.

विधायक राकेश बघेल ने कहा कि केंद्र सरकार की योजना के शिलापट्ट पर सांसद का नाम होता है और राज्य सरकार की योजनाओं में शिलापट्ट पर विधायक का नाम होता है. इसको लेकर कोई विवाद नहीं होना चाहिए. अगर इसके बावजूद कोई मतभेद थे, तो वो हमसे बैठकर बातचीत कर सकते थे.

बघेल ने कहा कि लोकसभा चुनाव आ रहे हैं और अब कार्यकर्ता व जनता सांसद शरद त्रिपाठी के साथ नहीं है, जिसकी खीज वो हम पर निकाल रहे हैं. बघेल ने कहा कि जिला योजना की बैठक में लोकतंत्र को तार-तार कर दिया गया है.

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